कुरुक्षेत्र में दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें, महाभारत की थीम पर बनेंगे गेट और चौक; धर्मनगरी के लिए हुए छह बड़े एलान

न बसों को 48 कोस के अंतर्गत आने वाले तीर्थों में संचालित किया जाएगा। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि कुरुक्षेत्र के महत्व को बढ़ाते हुए पर्यटकों को यहां आकर्षित करने के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं करनी होंगी।
राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अध्यक्ष हैं, जबकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बतौर उपाध्यक्ष और शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल ने बोर्ड के सचिव के नाते बैठक में भागीदारी की।
उन्होंने सुझाव दिया कि 48 कोस के अंतर्गत आने वाले तीर्थ स्थलों को लेकर साल में कम से कम 48 उत्सव इन गांवों में मनाने चाहिएं। इनमें जनप्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ-साथ जिन गांवों में ये तीर्थ स्थल हैं, उनकी सहभागिता भी जोड़ी जाए। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कुरुक्षेत्र में चौक और प्रवेश द्वार को चिन्हिृत करने के निर्देश दिए है। इन्हें महाभारत की थीम का रुप दिया जाएगा।
- ब्रह्मसरोवर के प्रवेश द्वार के नाम तय करने पर चर्चा हुई।
- ज्योतिसर तीर्थ परिसर के आसपास हरियाली की व्यवस्था की जाएगी।
- पूरे शहर में पेंटिंग और रेलवे ब्रिज के नजदीक श्लोक लिखवाए जाएंगे।
- कुरुक्षेत्र में संचालित होने वाली इलेक्ट्रिक बसें 48 कोस के अंतर्गत आने वाले तीर्थों के साथ कनेक्ट होंगी।
- बसों के अंदर रूट मैप लगाया जाएगा, साथ ही दैनिक पास की व्यवस्था रहेगी।
- डेलीवेज पास न सिर्फ बस में चलेंगे, बल्कि कुरुक्षेत्र में बने अलग-अलग स्थलों पर भी इंट्री पास के रुप में काम आएंगे।
इनका डिजाइन एक तरह का होगा। वहीं बैठक में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता महोत्सव को लेकर ग्लोबल पार्टनर के रूप में जापान को साथ जोड़ने का सुझाव उन्होंने दिया। स्वामी जी ने कहा कि ग्लोबल गीता समिट का प्रदेश में आयोजन होना चाहिए, जिसमें विश्वभर से स्कॉलर आएं।