सोलन में ईडी की दबिश, कई उद्योगों में मारे ताबड़तोड़ छापे; रात तीन बजे तक जांचा रिकॉर्ड

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औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, बरोटीवाला व नालागढ़ के कुछ उद्योगों में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने छापेमारी की। हिमाचल सहित अन्य राज्यों से भी टीमों ने एक साथ छापेमारी कर मनी लांड्रिंग से संबंधित तथ्यों का रिकॉर्ड खंगाला।

बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ के स्माइलैक्स व बायोजेनेटिक ड्रग्स समेत कुछ अन्य उद्योगों में भी टीम पहुंची और जरूरी तथ्यों को जुटाया गया। इस दौरान ईडी की टीम के साथ कमांडो फोर्स मौजूद रही और टीम ने उद्योग परिसर से करीब 12 घंटे तक रिकॉर्ड को खंगाला। इस दौरान उद्योग के अंदर से आवाजाही को रोका गया था। हालांकि, बुधवार को टीम का कोई भी सदस्य उद्योग परिसर में मौजूद नहीं था।

 

उद्योग प्रबंधक एमबी गोयल का कहना है कि उद्योग में ईडी के कुछ अधिकारी आए थे, उन्होंने संबंधित रिकॉर्ड को जांचा और वापस चले गए हैं। किसी शिकायत के आधार पर टीम यहां पहुंची थी, लेकिन उन्हें उद्योग में ऐसा कुछ आपत्तिजनक नहीं मिला है। उद्योग का उत्पादन फिलहाल चल रहा है।

 

झाड़माजरी व थाना में स्थित स्माईलैक्स व बायोजेनेटिक ड्रग्स उद्योग में पिछले वर्ष 10 मई 2024 को पंजाब की एसटीएफ ने छापामारी की थी। उस समय पंजाब की नारकोटिक्स टीम को जानकारी मिली थी कि उपरोक्त स्माइलेक्स और बॉयोजेनेटिक ड्रग्स उद्योग में अवैध तरीके से अल्प्राजोलम और ट्रांमाडोल नशे की दवाइयां बनाई जा रही है। 

इसकी छानबीन के लिए पंजाब से नारकोटिक्स सेल की टीम ने बद्दी में दबिश दी थी। कई दिनों तक यह टीम बद्दी के तीन उद्योगों में छापामारी करती रही थी। पंजाब से आई टीम का कहना था कि उद्योग में लाखों की संख्या में अल्प्राजोलम और ट्रामाडोल नशीले कैप्सूल बनाए जा रहे हैं, जिनका भारतीय बाजार में गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। 

इसकी छानबीन के लिए पंजाब से नारकोटिक्स सेल की टीम ने बद्दी में दबिश दी थी। कई दिनों तक यह टीम बद्दी के तीन उद्योगों में छापामारी करती रही थी। पंजाब से आई टीम का कहना था कि उद्योग में लाखों की संख्या में अल्प्राजोलम और ट्रामाडोल नशीले कैप्सूल बनाए जा रहे हैं, जिनका भारतीय बाजार में गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। 

इस मामले को लेकर जब राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने कहा कि यह मामला मनी लांड्रिंग से संबंधित है। दवा नियंत्रक कार्यालय का इस बात से कोई संबंध नहीं है। वहीं, जब पिछले वर्ष उपरोक्त उद्योगों पर पंजाब की टीम ने दबिश दी थी तो उस समय उद्योग के दोनों दवाओं के लाइसेंस को रद कर दिया गया था।

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