रूस के सुदूर पूर्व में 8.8 तीव्रता का भूकंप, जापान और अमेरिका में सुनामी की लहरें उठीं

रूस के सुदूर पूर्व में बुधवार तड़के आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के कारण जापान, अमेरिका के हवाई और प्रशांत महासागर में सुनामी की लहरें उठीं। यह भूकंप मार्च 2011 के बाद दुनिया में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप प्रतीत होता है। सुनामी के कारण अभी तक कोई बड़ा नुकसान होने की खबर नहीं है, लेकिन प्राधिकारियों ने लोगों को तटरेखाओं से दूर रहने की चेतावनी देते हुए कहा है कि खतरा एक दिन से अधिक समय तक रह सकता है। रूस में कामचटका प्रायद्वीप पर 8.8 तीव्रता वाले भूकंप के केंद्र के पास स्थित बंदरगाहों में पानी भर गया जिससे निवासियों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा। हवाई प्रांत की राजधानी में सड़कों और राजमार्गों पर जाम लग गया। यहां तक कि तटरेखा से दूर के इलाकों में भी यातायात ठप हो गया। जापान के प्रभावित इलाकों में लोगों को बचाव केंद्रों में स्थानांतरित किया गया। इस भूकंप ने 2011 में आए भूकंप और सुनामी की यादें ताजा कर दी। जापान में लगभग 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने की सलाह दी गई है।
मार्च 2011 में उत्तर-पूर्वी जापान में आए भूकंप की तीव्रता 9.0 मापी गई थी और इसके कारण भीषण सुनामी आई थी। इस सुनामी ने फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र की शीतलन प्रणालियों को निष्क्रिय कर दिया था। रूसी प्राधिकारियों ने बताया कि कामचटका प्रायद्वीप पर आए भूकंप के कारण कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन उन्होंने कोई संख्या नहीं बताई। जापान में कम से कम एक व्यक्ति घायल हुआ है। कामचटका में 10 से 13 फुट ऊंची, जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो में लगभग 2.8 फुट, अलास्का के अल्यूशियन द्वीप समूह में ज्वार के स्तर से 1.4 फुट तक ऊंची लहरी उठीं। हवाई और ओरेगन ने निवासियों को संभावित नुकसान की चेतावनी दी है। अलास्का स्थित राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र के समन्वयक डेव स्नाइडर ने बताया कि सुनामी का प्रभाव कई घंटों या शायद एक दिन से भी अधिक समय तक रह सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘सुनामी केवल एक लहर नहीं होती। यह लंबे समय तक चलने वाली शक्तिशाली लहरों की एक श्रृंखला होती है। सुनामी एक विमान की गति से सैकड़ों मील प्रति घंटे की रफ्तार से समुद्र पार करती है लेकिन जब वे किनारे के पास पहुंचती हैं, तो उनकी गति धीमी हो जाती है और वहां वह एकत्र होने लगती हैं जिससे जलप्लावन की आशंका यहीं अधिक होती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि पृथ्वी मूलतः समुद्र के पार पानी की विशाल लहरें भेजती है तो इस मामले में ये लहरें काफी समय तक आगे-पीछे बहती रहेंगी।’’ स्नाइडर ने कहा कि यही कारण है कि कुछ समुदायों को लंबे समय तक असर महसूस हो सकता है।
हवाई के गवर्नर जोश ग्रीन ने बताया कि जापान और हवाई के बीच स्थित मिडवे एटोल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, लहरों की ऊंचाई छह फुट मापी गई। उन्होंने कहा कि हवाई से टकराने वाली लहरें बड़ी या छोटी हो सकती हैं और यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि वे कितनी बड़ी होंगी। ग्रीन ने बताया कि ‘ब्लैक हॉक’ हेलीकॉप्टर को तैयार रखा गया है और आवश्यकता पड़ने पर बचाव अभियान में इनका इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘कृपया खुद को खतरे में न डालें।’’ ओरेगन आपातकालीन प्रबंधन विभाग ने फेसबुक पर बताया कि स्थानीय समयानुसार रात लगभग पौने 12 बजे तट पर सुनामी की छोटी लहरें आने की आशंका है जिनकी ऊंचाई एक से दो फुट के बीच होगी। विभाग ने लोगों से समुद्र तटों एवं बंदरगाहों से दूर रहने और किसी सुरक्षित स्थान पर जाने का आग्रह किया है। विभाग ने कहा, ‘‘यह कोई बड़ी सुनामी नहीं है, लेकिन खतरनाक धाराएं और तेज लहरें समुद्र के पास रहने वालों के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।’’ कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत, अमेरिका के वाशिंगटन और कैलिफोर्निया तक फैले पश्चिमी तट के अधिकतर भाग में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। जापानी और अमेरिकी भूकंप वैज्ञानिकों ने बताया कि जापानी समयानुसार सुबह आठ बजकर 25 मिनट पर आए भूकंप की प्रारंभिक तीव्रता 8.0 थी।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने बाद में बताया कि तीव्रता 8.8 थी और यह 20.7 किलोमीटर की गहराई पर आया। यह भूकंप रूसी शहर पेत्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 119 किलोमीटर दूर आया। इस शहर की आबादी 1,80,000 है। इसके बाद 6.9 तीव्रता के भूकंप बाद के कई शक्तिशाली झटके महसूस किये गये। रूस में सेवेरोकुरिल्स्क के मेयर अलेक्जेंडर ओव्स्यानिकोव ने बताया कि शहर में बंदरगाह में पानी भर गया और मछलियां पकड़ने में इस्तेमाल की जाने वाली नौकाएं समुद्र में बह गईं। उन्होंने बताया कि शहर में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। बाढ़ के बाद बिजली आपूर्ति ठप हो गई। सुनामी की चेतावनी के कारण जापान में परिवहन व्यवस्था बाधित हो गई। प्रभावित क्षेत्र में नौकाओं, रेलगाड़ियों और विमानों का परिचालन बाधित हुआ। रूस की समाचार एजेंसी ‘तास’ ने भूकंप के केंद्र के पास सबसे बड़े शहर पेत्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से खबर दी कि कई लोग जूते और उचित कपड़े पहने बिना ही सड़कों पर निकल आए। घरों के अंदर अलमारियां गिर गईं, शीशे टूट गए, इमारतें एवं कारें जोर-जोर से हिलने लगीं। इससे पहले जुलाई में, कामचटका के पास समुद्र में पांच शक्तिशाली भूकंप आए थे जिसमें सबसे भीषण भूकंप 7.4 तीव्रता का था। कामचटका में चार नंवबर 1952 को आए 9.0 तीव्रता के भूकंप के कारण भारी क्षति हुई थी।