हिमाचल में पंजाब के रास्ते पाकिस्तान से आ रही ड्रग्स, कंगना रनौत के बयान पर विवाद

हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत के एक और बयान से विवाद खड़ा हो गया है। अब उन्होंने हिमाचल प्रदेश में ड्रग्स की बढ़ती स्थिति पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि ये ड्रग्स पाकिस्तान से पंजाब के रास्ते आ रहे हैं। इससे हिमाचल प्रदेश में भी पंजाब के कुछ गाँवों जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, जहाँ सिर्फ़ विधवाएँ ही बची हैं।
कंगना रनौत ने कहा कि ड्रग्स की स्थिति इतनी गंभीर है कि मैं आपको बताना चाहती हूं कि अगर जल्द ही इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो जैसे पंजाब के कुछ गांव हैं, जहां सिर्फ विधवाएं और महिलाएं रहती हैं, वैसे ही हालात हिमाचल में हो जाएंगे। हिमाचल के बच्चे बेहद भोले और सीधे होते हैं।
पंजाब से और पंजाब से पाकिस्तान आने वाला नशा हिमाचल पहुँच रहा है। बच्चों ने अपने माता-पिता के गहने बेच दिए हैं। बच्चों ने अपनी गाड़ियाँ चुराकर बेच दी हैं। हमारे पास ऐसे लोग आते हैं जो रोते हुए आते हैं। खुद को कमरों में बंद कर लेते हैं, फर्नीचर तोड़ देते हैं और चीखते-चिल्लाते हैं। एक तरह से ये मौत से भी बदतर स्थिति बन जाती है। राज्यपाल ने इस बारे में जो भी कहा है, बिल्कुल सही कहा है।
कंगना को अपनी पीढ़ी को डंडे से पीटना चाहिए – नील गर्ग
आम आदमी पार्टी के नेता नील गर्ग ने कंगना रनौत के इस बयान पर उन्हें घेरा है। उन्होंने कहा कि कंगना को ये बयान देने से पहले उनकी पीढ़ी को पीटना चाहिए। पंजाब में ड्रग्स कब आया, 2007 से पहले तो किसी ने चिट्टा का नाम भी नहीं सुना था। ये वही लोग हैं जो ड्रग तस्करों को बढ़ावा देते हैं। रोज़गार की बजाय युवाओं को सिरिंज थमा देते हैं। ये 10 साल से सरकार में हैं। इन्होंने पंजाब से ड्रग्स को खत्म करने के लिए कभी ये कदम नहीं उठाया।
कंगना के बयानों को कोई गंभीरता से नहीं लेता- कांग्रेस नेता
हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस नेता हरि कृष्ण हिमराल ने कहा है कि कंगना रनौत के बयान आते रहते हैं, कोई उन्हें गंभीरता से नहीं लेता। यहाँ तक कि भाजपा के कुछ लोगों ने भी उन्हें नसीहतें दी हैं। उन्होंने कहा कि ड्रग्स एक गंभीर मुद्दा है और हमें इस पर मिलकर चर्चा ज़रूर करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ड्रग्स की स्थिति बढ़ नहीं रही है, बल्कि सरकार इसे नियंत्रित कर रही है। कुछ घटनाएँ होती रहती हैं, यहाँ तक कि भाजपा के दौर में भी। सरकारें इस पर काम कर रही हैं।