हरियाणा में तेजी से बढ़ रहे डेंगू और मलेरिया के मामले: डेंगू के कुल केस 792 तक पहुंचे, रेवाड़ी में सर्वाधिक 191 मरीज स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर

हरियाणा में मौसमी बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। खासतौर पर डेंगू और मलेरिया के मामलों में बीते कुछ दिनों में तेज़ी देखी गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार अब तक डेंगू के 792, मलेरिया के 163, और चिकनगुनिया के 6 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है। यहां सबसे अधिक प्रभावित जिला रेवाड़ी है। डेंगू के मामलों में सबसे गंभीर स्थिति रेवाड़ी जिले की है, जहां 191 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।
वहीं अब तक रेवाड़ी में 191 केस, गुरुग्राम में 53 केस, करनाल में 56 केस, रोहतक में 52 केस, सोनीपत में 48 केस, पंचकूला में 30 केस सामने आए हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डेंगू संक्रमण का प्रसार अधिक तेजी से हो रहा है।
स्वास्थ्य विभाग सतर्क, कदम तेज किए गए
डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। विभाग द्वारा सभी जिलों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे रोकथाम और नियंत्रण के लिए सक्रिय रूप से कार्य करें।
एडवाइजरी जारी: सभी जिलों को बीमारी से निपटने के लिए एडवाइजरी भेजी गई है।
सैंपलिंग तेज: मरीजों के रक्त के नमूनों की जांच के लिए राज्य की 27 अधिकृत प्रयोगशालाओं में सैंपल भेजे जा रहे हैं।
शहरी क्षेत्रों में – नगर परिषदों द्वारा नियमित फॉगिंग की जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में – ग्राम पंचायतों के माध्यम से हाई रिस्क इलाकों में मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है।
डेंगू-मलेरिया बढ़ने के पीछे कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, हाल ही में मानसून की वापसी और मौसम में आ रही अस्थिरता – जैसे कि दिन में गर्मी और रात में ठंडक – मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बना रही है। इसके अलावा, ठहरे हुए पानी, गंदगी और साफ-सफाई की कमी भी संक्रमण फैलाने में मुख्य भूमिका निभा रही है।
जनता के लिए सुझाव
स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और निम्नलिखित उपाय अपनाएं में
घरों के आसपास पानी जमा न होने दें।
कूलर, गमले, टायर, छत आदि में पानी इकट्ठा न होने दें।
फुल बाजू के कपड़े पहनें।
मच्छरदानी या रिपेलेंट का प्रयोग करें।
बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द या चकत्ते होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हरियाणा में डेंगू और मलेरिया के मामलों में आई यह बढ़ोतरी चिंता का विषय है। विशेष रूप से रेवाड़ी जैसे जिले हाई रिस्क जोन बन चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की तत्परता और फील्ड में हो रही कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन जन सहयोग के बिना इन बीमारियों पर नियंत्रण पाना मुश्किल है। व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर सावधानी बरतना अब जरूरी हो गया है।