चंडीगढ़ में 2025 के दौरान अपराध के आंकड़े सामने आए: 26 हत्या के मामले, वाहन चोरी की 1600 से अधिक घटनाएं, साइबर ठगी के 150+ केस
चंडीगढ़ में साल 2025 के दौरान अपराध का स्वरूप तेजी से बदला है। पुलिस के वार्षिक आंकड़े बताते हैं कि शहर में कुछ गंभीर अपराधों में जहां मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिला, वहीं मोटर व्हीकल चोरी, साइबर ठगी और नशीले पदार्थों से जुड़े मामलों में साफ बढ़ोतरी दर्ज की गई।
अपराध की संख्या के लिहाज से वाहन चोरी पूरे साल शहर का सबसे बड़ा क्राइम बना रहा, जबकि ड्रग्स और साइबर अपराध सबसे ज्यादा संगठित और चुनौतीपूर्ण अपराध के रूप में सामने आए।
हत्या के मामले बढ़े
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, साल 2025 में हत्या के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। साल 2024 में जहां 22 हत्याएं हुई थीं, वहीं 2025 में यह संख्या बढ़कर 26 हो गई। हालांकि हत्या के प्रयास और बलात्कार जैसे मामलों में कुछ कमी दिखाई दी, लेकिन बच्चों और किशोरों से जुड़े यौन अपराधों यानी POCSO मामलों में तेज इजाफा हुआ।
रेप और पॉक्सो (POCSO) से जुड़े मामलों की कुल संख्या 47 से बढ़कर 66 तक पहुंच गई, जिसने कानून व्यवस्था के सामने गंभीर सवाल खड़े किए।
साल 2024 में 1362 वाहन चोरी
अपराध के आंकड़ों में सबसे चौंकाने वाली तस्वीर मोटर व्हीकल चोरी की रही। वर्ष 2024 में 1362 वाहन चोरी के मामले दर्ज हुए थे, जो 2025 में बढ़कर 1682 हो गए। इसका मतलब यह रहा कि औसतन हर दिन चार से ज्यादा वाहन चोरी हुए। दोपहिया और चारपहिया दोनों ही इस अपराध की चपेट में रहे और यह क्राइम पूरे साल शहर में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। ड्रग्स के मामलों में भी स्थिति चिंताजनक रही।
एनडीपीएस एक्ट के तहत 149 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 235 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। हेरोइन, कोकीन, आइस ड्रग, गांजा, चरस और अफीम की बड़ी खेप बरामद की गई। जांच में सामने आया कि ड्रग सप्लाई का नेटवर्क इंटर-स्टेट और इंटरनेशनल स्तर तक फैला हुआ है, जिसमें ड्रोन के जरिए तस्करी, पाकिस्तानी हैंडलर और विदेशी नागरिकों की संलिप्तता भी सामने आई।
