CM Sukhu Meeting over Cloudburst: हिमाचल में बादल फटने से तीन जिलों में मची तबाही, CM सुक्खू ने बुलाई आपात बैठक, मालाणा डैम टूटने की खबरों का किया खंडन
हिमाचल प्रदेश में देर रात पांच जगह बादल फटने से भारी तबाही मची है. इसको देखते सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की. इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा विभिन्न जिलों से मिली जानकारी के मुताबिक कुल्लू जिले में तीन जगह, मंडी और शिमला में एक-एक जगह बादल फटा है. राज्य मुख्यालय पर प्राप्त सूचना के अनुसार, अभी तक दो शव बरामद हुए हैं. वहीं, 50 लोगों के लापता होने की सूचना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 12 घंटों में बादल फटने और भारी बारिश से एक राष्ट्रीय राजमार्ग और पांच सड़कें बाधित हैं. वहीं, तीन पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. शिमला जिले के झाकड़ी का समेज क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां बादल फटने से आवासीय क्षेत्र से 36 लोग लापता हैं और एक सड़क भी बाधित है. वहीं, सीएम सुक्खू ने मलाणा डैम टूटने की खबरों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि डैम नहीं टूटा है.
ब्यास किनारे फंसे 9 लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू जारी: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “मंडी जिले की पधर तहसील के टिक्कन-थालूकोट गांव में सात लोग लापता हैं. वहीं, दो लोगों के शव बरामद हुए हैं. तीन घरों को भी नुकसान पहुंचा है. कुल्लू जिले के निरमंड तहसील के जाओं गांव में बादल फटने से सात लोग लापता हैं और नौ घर बाढ़ में बह गए हैं. वहीं दो पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा, उच्च पर्वतीय क्षेत्र में बादल फटने से पिन पार्वती नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया और एक बस बह गई. मलाणा के जरी में भी एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. मलाणा में ब्यास नदी के किनारे नौ लोग फंसे हुए हैं, जिनको सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है.
‘लोगों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता, पुलिस को दिए जा रहे पांच ड्रोन’: सीएम सुक्खू ने कहा इस समय लोगों के जीवन की सुरक्षा प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके लिए पूरी मशीनरी युद्धस्तर पर राहत एवं पुनर्वास कार्य में जुटी है. सीएम ने आपदा प्रभावित संबंधित जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों को फौरन राहत पहुंचाई जाए और बेली पुलों का निर्माण किया जाए, ताकि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को किसी असुविधा का सामना न करना पडे़. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस को पांच ड्रोन दे रही है, ताकि प्रभावित क्षेत्र में परिवहन गतिविधियों का संचालन किया जा सके. संचार तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए उपमंडलाधिकारी स्तर पर सैटेलाइट फोन उपलब्ध करवाए गए हैं. पुलिस स्टेशनों और चौकियों को 50 विद्युत जेनरेटर भेजे जा रहे हैं, ताकि विद्युत आपूर्ति में कोई बाधा न आए. उन्होंने कहा कि जीवन की सुरक्षा और लोगों की संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए सरकार भरूपर प्रयास कर रही है.
राज्य में 13 आपातकालीन केन्द्र स्थापित: सीएम सुक्खू ने कहा कि मौसम विभाग की ओर से शुक्रवार सुबह तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. सीएम ने इस दौरान लोगों से एहतियात बरतने और नदी-नालों के करीब न जाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को सुदृढ़ किया गया है और प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं. प्रदेश में आपदा निगरानी के लिए 13 स्थानों पर राज्य आपातकालीन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से सभी संवेदनशील स्थानों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी. मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवदेनाएं प्रकट की है, जिन्होंने अपनों को खोया है. उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
आपदा की स्थिति को लेकर सीएम ने अमित शाह से की बात: सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य एवं जिला स्तर पर आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किए गए हैं. साथ ही हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं. ये केंद्र रात-दिन कार्यशील रहेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में भारी वर्षा और बादल फटने के कारण उत्पन्न स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से उनकी फोन पर बात हुई है और उन्होंने प्रदेश के हालातों से सभी को अवगत कराया है. सीएम ने केंद्र सरकार से इस आपदा से निपटने के लिए उदारतापूर्वक सहयोग करने का आग्रह किया.