चंडीगढ़: अमृत सरोवर को नया रूप देने की पहल शुरू, प्रशासक ने धनास में आधारशिला रखी

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चंडीगढ़: पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और पुराने जलस्रोतों को फिर से बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने बुधवार को धनास में अमृत सरोवर को नया रूप देने की आधारशिला रखी। यह कार्यक्रम अमृत 2.0 के तहत शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक जल स्रोतों को संवारना और शहर में सतत विकास को बढ़ावा देना है। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कटारिया ने परियोजना की शुरुआत पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि धनास अमृत सरोवर को दोबारा संवारने का काम सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, समाज के कल्याण और शहर की संस्कृति के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारे जलस्रोत हमारे पर्यावरण की जीवनरेखा हैं। इन्हें फिर से जीवंत बनाकर हम स्वच्छ पानी सुरक्षित करते हैं, जैव विविधता को मजबूत करते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर वातावरण छोड़ते हैं।

 

 

 

राज्यपाल ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस सोच को आगे बढ़ाती है, जिसमें देश के पुराने और उपेक्षित जलस्रोतों को फिर से जीवंत बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर योजना का उद्देश्य केवल पर्यावरण की रक्षा करना ही नहीं, बल्कि इन जलस्रोतों को ऐसी स्वच्छ, सुंदर और उपयोगी सार्वजनिक संपत्ति में बदलना है, जिनसे आम लोगों को सीधे लाभ मिल सके राज्यपाल ने मेयर, स्थानीय पार्षदों, नगर निगम के कर्मचारियों, अधिकारियों-इंजीनियरों, पर्यावरण विशेषज्ञों और स्वयं सहायता समूहों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सभी के मिलकर काम करने से ही यह योजना हकीकत बन पा रही है।

 

 

 

कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू, चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला, नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, विशेष आयुक्त प्रदीप कुमार, चीफ इंजीनियर सी.बी. ओझा, एरिया काउंसलर कुलजीत सिंह संधू, पार्षद हरजीत सिंह और सतिंदर सिंह सिद्धू सहित नगर निगम एवं चंडीगढ़ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा शहर के प्रमुख नागरिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर बोलते हुए सांसद सतनाम सिंह संधू ने इस पहल की प्रशंसा की और इसे सहयोग से चलने वाले सुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर जैसी प्राकृतिक धरोहरों को नया जीवन देना, सतत विकास और नागरिक कल्याण के प्रति एक दूरदर्शी सोच को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि यह परियोजना न केवल हमारे पर्यावरण को मज़बूत करेगी, बल्कि लोगों को भी प्रकृति की रक्षा की सामूहिक ज़िम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करेगी।

 

 

 

चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि शहर के जल निकायों की देखभाल में सामुदायिक भागीदारी, विशेषकर महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि धनास सरोवर को नया रूप देना, चंडीगढ़ को और अधिक स्वच्छ, हरित और मज़बूत बनाने की हमारी साझी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। जब नागरिक एकजुट होकर काम करते हैं, तो विकास और प्रकृति दोनों साथ-साथ आगे बढ़ते हैं। गौरतलब है कि यह प्रोजेक्ट लगभग 7 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य स्थानीय जल संरक्षण को बढ़ावा देना, आसपास के पर्यावरण को बेहतर बनाना और लोगों को एक स्वच्छ एवं सुंदर सार्वजनिक स्थल उपलब्ध कराना है। अमृत सरोवर के निर्माण से केवल सौंदर्य बढ़ेगा ही नहीं, बल्कि जल पुनर्भरण में भी बड़ा सुधार होगा। स्थानीय निवासियों के लिए यह स्थान मनोरंजन, स्वास्थ्य लाभ, सैर-सपाटे और सामुदायिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनेगा। हजारों लोग इस प्रोजेक्ट से सीधे लाभान्वित होंगे, जिससे धनास क्षेत्र की रहने योग्य स्थिति और भी बेहतर होने की उम्मीद है।

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