चंडीगढ़ में लूट के दो आरोपी बरी: पुलिस नहीं कर सकी साबित, कोर्ट ने कहा-सबूतों में कई खामियां, अपने ब्यानों से पल्टा शिकायतकर्ता
चंडीगढ़ के सेक्टर-47 में चाकू की नोक पर लूट के मामले में जिला कोर्ट ने दोनों आरोपी अजय और चंदर प्रकाश को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकारी पक्ष आरोपों को साबित नहीं कर सका, इसलिए संदेह का लाभ आरोपियों को दिया गया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि घटना रात करीब साढ़े 10 बजे की बताई गई है और शिकायतकर्ता ने शुरुआती बयान में आरोपियों का कोई हुलिया तक नहीं बताया।
इसके बावजूद पुलिस ने पहचान परेड नहीं कराई। ऐसे में पहली बार कोर्ट में की गई पहचान को कानूनी रूप से भरोसेमंद नहीं माना जा सकता। यह मामला थाना सेक्टर-31 में 7 जनवरी 2023 को दर्ज हुआ था। पुलिस ने इस केस में गांव फैदां निवासी अजय और चंदर प्रकाश को आरोपी बनाया था।
दोनों पर आरोप था कि उन्होंने 6 जनवरी 2023 की रात सेक्टर-47 गुरुद्वारे के पास एक युवक से चाकू दिखाकर 4400 रुपए और वीवो कंपनी का मोबाइल फोन लूटा।
मामले में सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब शिकायतकर्ता ललटू कुमार कोर्ट में अपने ही बयान से पलट गया। उसने कहा कि आरोपियों से उसके सामने न तो कोई मोबाइल बरामद हुआ और न ही चाकू। उसने यह भी दावा किया कि पुलिस ने उससे खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाए थे।
इसके बाद जब उसने अपने पहले बयान से अलग बात कही, तो उसे विरोधी गवाह माना गया, लेकिन पूछताछ के बावजूद मामले से जुड़ा कोई ठोस सबूत सामने नहीं आ सका।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कथित तौर पर बरामद मोबाइल फोन का कोई आईएमआई नंबर रिकॉर्ड में नहीं है। न तो मोबाइल की खरीद का कोई बिल पेश किया गया और न ही यह साबित हो पाया कि बरामद मोबाइल वही था, जो शिकायतकर्ता से छीना गया था। ऐसे में धारा 411 के तहत चोरी का माल रखने का आरोप भी साबित नहीं हो सका।
कोर्ट ने यह भी कहा कि मोबाइल और चाकू की बरामदगी रेलवे ट्रैक के पास झाड़ियों से दिखाई गई, जो एक खुली जगह है और जहां किसी का भी आना-जाना संभव है। ऐसी स्थिति में यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी उस सामान को जानबूझकर अपने पास रखे हुए थे।
