CBI ने 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए BIS के संयुक्त निदेशक को किया गिरफ्तार

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के संयुक्त निदेशक को 70,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. इस कार्रवाई में एक निजी कंपनी के प्रतिनिधि को भी हिरासत में लिया गया है. CBI ने हैदराबाद में जाल बिछाकर दोनों को पकड़ा.
दरअसल, CBI को सूचना मिली कि BIS, विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) के संयुक्त निदेशक एक निजी कंपनी से रिश्वत की मांग कर रहे थे. यह बेंगलुरु स्थित कंपनी 12,500 गैस सिलेंडर बनाने के लिए BIS की मंजूरी लेना चाहती थी.
CBI ने इस मामले में तीन लोगों पर केस दर्ज किया:
1.संयुक्त निदेशक, BIS, विजयवाड़ा
2.निजी कंपनी का प्रतिनिधि, बेंगलुरु
3.कंपनी का क्वालिटी-इनचार्ज
CBI ने कैसे पकड़ा?
CBI ने 30 मार्च 2025 को हैदराबाद में जाल बिछाया और सौदे के दौरान संयुक्त निदेशक को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया. उनके पास से 70,000 रुपये बरामद हुए, जो उन्होंने निजी कंपनी से मंजूरी दिलाने के लिए लिए थे.
क्या-क्या बरामद हुआ?
CBI ने हैदराबाद और विजयवाड़ा में आरोपी के घर और दफ्तर पर छापेमारी की, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले. जांच एजेंसी को उम्मीद है कि इससे अन्य संदिग्ध लेन-देन और भ्रष्टाचार के मामलों का पता चलेगा.
कैसे चल रहा था यह भ्रष्टाचार?
BIS भारत में उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला सरकारी संगठन है. कंपनियों को गैस सिलेंडर, स्टील, सीमेंट जैसे उत्पादों के लिए BIS की मंजूरी लेनी होती है. लेकिन कुछ अधिकारी पैसे लेकर मंजूरी देने का गोरखधंधा चला रहे थे. सूत्रों के अनुसार, आरोपी संयुक्त निदेशक पहले से इस तरह के सौदों में शामिल थे और कंपनियों से मोटी रिश्वत लेते थे. अब CBI इस पूरे भ्रष्टाचार नेटवर्क की जांच कर रही है.
बता दें कि CBI ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और 31 मार्च 2025 को विजयवाड़ा की विशेष अदालत में पेश करेगी. एजेंसी अब यह पता लगा रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल है. BIS में पहले भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे हैं. अधिकारियों पर फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने, बिना जांच के मंजूरी देने और निजी कंपनियों से सांठगांठ करने के आरोप लगते रहे हैं.