CAG रिपोर्ट का खुलासा: BJP-JJP गठबंधन में हरियाणा सरकार को 1103 करोड़ का नुकसान, रजिस्ट्री से लेकर टैक्स वसूली में गड़बड़ी

Haryana CAG Report: हरियाणा सरकार को लेकर कैग रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं, जिसकी वजह से राजस्व को भारी नुकसान हुआ है। जानिए कैग रिपोर्ट के बड़े खुलासे..
हरियाणा को लेकर कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया यानी सीएजी की रिपोर्ट सामने आई है। कैग रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश की पिछली बीजेपी और जननायक जनता पार्टी के गठबंधन की सरकार में हरियाणा को 1103 करोड़ 94 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। कैग रिपोर्ट के मुताबिक, यह नुकसान वित्तीय वर्ष 2021-22 में सेल टैक्स, स्टेट एक्साइज ड्यूटी, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में हुआ है।
बता दें कि प्रदेश में 104 यूनिट के 2,552 मामलों की जांच में यह गड़बड़ी पाई गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने राजस्व से जुड़े कई ऐसे फैसले लिए थे, जिसके चलते बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। कैग रिपोर्ट में हरियाणा सरकार की 7 बड़ी गड़बड़ियों को उजागर किया है।
- कैग रिपोर्ट में हरियाणा सरकार के रेवेन्यू कलेक्शन को लेकर सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्स सुनिश्चित करने वाली संस्थाओं ने कुछ वस्तुओं पर टैक्स फ्री कर दिया, जिन पर टैक्स लेना चाहिए था। इससे प्रदेश सरकार को 5 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसके अलावा सरकार को 4 करोड़ 77 लाख रुपए का कम ब्याज भी मिला।
- कैग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार ने अवैध शराब के अपराधियों, लाइसेंस फीस और ब्याज वसूली करने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, जिसके चलते सरकारी राजस्व को 7.50 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। वहीं, प्रॉपर्टी के लेनदेन में स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में सख्ती ने करने के कारण सरकार की 26 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
- रिपोर्ट में राजस्व नुकसान के लिए टैक्स निर्धारण करने वाले अधिकारियों और अथॉरिटी को जिम्मेदार ठहराया है। इसमें कहा गया कि जहां पर 36 करोड़ 61 लाख का टैक्स निर्धारण होना चाहिए था, वहां टैक्स अथॉरिटी ने करीब 28 करोड़ निर्धारित किया। इसके चलते सरकार को कम टैक्स मिल पाया। बता दें कि रिपोर्ट में उत्पाद शुल्क कलेक्शन को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।
- हरियाणा में करीब 50 मामलों में किसानों को स्टांप ड्यूटी में छूट दी गई, जबकि उनके द्वारा कमर्शियल प्लॉट खरीदे गए थे। रिपोर्ट में बताया गया कि नवंबर 2010 में हरियाणा सरकार के जारी आदेशों के उल्लंघन के चलते 1 करोड़ 61 लाख रुपए का नुकसान हुआ।
- कैग रिपोर्ट के मुताबिक, 142 कृषि जमीन के रजिस्ट्रेशन मामलों में अधिकारियों ने जमीन का रजिस्ट्रेशन जमाबंदी रेट पर कर दिया, जबकि उनका रजिस्ट्रेशन कलेक्टर रेट पर होना चाहिए था। इस फैसले की वजह से स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस मिलाकर करीब 150 करोड़ रुपए का नुकसान प्रदेश सरकार को झेलना पड़ा।
- रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्राइवेट फर्मों को गलत तरीके से स्टैंप ड्यूटी में 3.11 करोड़ रुपए की दी गई। बताया गया कि रजिस्ट्री अथॉरिटी ने महानगर विकास प्राधिकरण, मार्केट कमेटी गुरुग्राम, गुरुग्राम और उत्तर हरियाणा बिजली प्रसारण निगम लिमिटेड को सरकारी संस्था मानकर उन्हें यह छूट दी थी। इसके अलावा कई नगर पालिका की सीमा के भीतर आने वाले 1000 वर्ग गज से कम क्षेत्र के 14 प्लाटों की बिक्री के मामले में गलत कृषि भूमि की दरों पर रजिस्ट्री करने से 57 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
- कैग रिपोर्ट में कहा गया कि इस दौरान लेनदेन के नियमों पर सरकार का पर्याप्त नियंत्रण न होने से कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिसमें निर्धारित समय सीमा से ज्यादा ग्रेच्युटी का भुगतान किया गया। साथ ही दोहरी पेंशन निकासी के भी मामले सामने आए।
RAGA NEWS ZONE
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