UP में नया सियासी दांव चलेगी बीजेपी, अखिलेश यादव के PDA को देगी जवाब, मायावती की बढ़ेगी चिंता

UP Politics: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अभी तक पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय नहीं किया है लेकिन यूपी की सीमा से लगे 9 राज्यों में से 6 राज्यों में पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान कर दिया है. जबकि तीन राज्यों में अभी तक प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान होना बाकी है. खास बात यह है कि इन छह राज्यों में से बीजेपी ने तीन राज्यों में ओबीसी और तीन राज्यों में सामान्य वर्ग के नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष की कमान देकर सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश की है. अब माना जा रहा है कि पार्टी यूपी में नया सियासी दांव खेलने की तैयारी में है और किसी दलित नेता को पार्टी की कमान दी जा सकती है.
दरअसल, बीजेपी ने राजस्थान में मदन राठौर को प्रदेश अध्यक्ष चुना है जो ओबीसी से ताल्लुक रखते हैं. वहीं बिहार में पार्टी ने प्रदेश की कमान दिलीप जायसवाल को दे रखी है और वो भी ओबीसी से ताल्लुक रखते हैं. मध्य प्रदेश में पार्टी ने हेमंत खंडेलवाल को यह जिम्मेदारी दी है जो वैश्य हैं. इन तीनों राज्यों के अलावा उत्तराखंड में ब्राह्मण समाज से आने वाले महेंद्र भट्ट को कमान सौंपी गई है.
जबकि हिमाचल प्रदेश में राजीव बिंदल को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष चुना है और ये वैश्य समाज (सामान्य) से हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने किरन सिंह देव को कमान सौंपी है जो ओबीसी से ताल्लुक रखती हैं. यानी देखा जाए तो पार्टी ने यूपी में अध्यक्ष का ऐलान करने से पहले यूपी से लगे छह राज्यों में से तीन राज्यों में ओबीसी और तीन राज्यों में सवर्ण चेहरों पर दांव लगा दिया है. जबकि यूपी की सीमा से लगे झारखंड, दिल्ली और हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान नहीं हुआ है.