बारिश से कई जगह तबाही: गाड़ियां-दुकानें मलबे में दबीं, पुल ध्वस्त, भूस्खलन से 537 सड़कें बंद

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शिमला: शहर में भी भारी बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। कई जगह पेड़ भी गिरे है। लिफ्ट एचएचएच होटल से आगे पेड़ गिरने से सड़क बंद हो गई। संजौली और छोटा शिमला के अचानक पेड़ गिर गया जिससे आवाजाही कर रही गाड़ियां बाल-बाल बचीं। बंगारा-कलहट्टी सड़क पर भी पेड़ गिर गया। इससे बरात की बस के साथ अन्य गाड़ियां भी फंस गईं। बीती रात को कसौली में 145.0, धर्मपुर 122.8, गोहर 120.0, मालरांव 103.2, बग्गी 95.9, नगरोटा सूरियां 93.4, श्री नयना देवी 86.4, सुंदरनगर 80.3, कांगड़ा 71.4 व बिलासपुर में 70.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश में 12 अगस्त तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। इस दौरान कुछ भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।  9 से 12 अगस्त तक अधिकांश स्थानों पर और 6 से 8 अगस्त तक कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है।

बघेईगढ़ पंचायत के कंगेला गांव के ऊपर दरकी पहाड़ी

चंबा जिले में लगातार बारिश के बाद अब पहाड़ दरकना शुरू हो गए हैं। चुराह उपमंडल की बघेईगढ़ पंचायत के कंगेला गांव के ऊपर पहाड़ी से अचानक भूस्खलन हो गया। चट्टानें तेजी से गांव की ओर लुढ़कीं, लेकिन गनीमत रही कि बड़ी चट्टान ने दिशा बदल ली। इससे बड़ा हादसा होने से बच गया। लोग दहशत में सुरक्षित जगह की ओर भागे। पंचायत की ओर से गांव में रह रहे 12 परिवारों को दूसरे गांव में शिफ्ट कर दिया। अब स्थिति सामान्य होने पर ग्रामीण अपने घर लौट सके।

मानसून में अब तक 2,084 कच्चे-पक्के घर क्षतिग्रस्त

प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 6 अगस्त तक 199 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 304 लोग घायल हुए हैं। 36 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 86 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है।  बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 2,084 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,690 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,570 पालतु पशुओं की मौत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1,90,550.45 लाख रुपये पहुंच गया है।

मंडी-कुल्लू हाईवे पर तेल के टैंकर पर गिरे पत्थर, भूस्खलन से रातभर फंसे रहे यात्री

भारी बारिश के चलते मंडी से कुल्लू को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-3) बीती रात 8:00 बजे से पूरी तरह से बंद हो गया। 9 मील के पास कैंची मोड़ और दवाड़ा फ्लाईओवर के आसपास बड़ी मात्रा में मलबा और बड़े-बड़े पत्थर सड़क पर आ गए, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। दवाड़ा फ्लाईओवर के पास खड़े एक तेल के टैंकर पर पत्थर गिरने से स्थिति और भी गंभीर हो गई। रास्ता बंद होने के कारण लोगों को पूरी रात अपनी गाड़ियों में ही बितानी पड़ी। प्रशासन की ओर से राहत कार्य सुबह शुरू किया गया। सुबह 8रू00 बजे तक मंडी से पंडोह तक का मार्ग आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है। हालांकि, पंडोह से कुल्लू तक के मार्ग को पूरी तरह बहाल करने में अभी समय लग सकता है। पुलिस व प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और ट्रैफिक को सुचारू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बड़सर-पीपलू मुख्य मार्ग पर भूस्खलन

ऊना और हमीरपुर जिलों को जोड़ने वाले बड़सर-पीपलू मुख्य मार्ग पर रच्छोह गांव के आगे भारी बारिश के चलते भूस्खलन हुआ है। इससे सड़क पूरी तरह से बंद हो गई। ग्रामीणों के अनुसार यह मार्ग क्षेत्र का मुख्य संपर्क मार्ग है और रोजाना सैकड़ों लोग इसी रास्ते से आवाजाही करते हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी से मलबा सड़क पर आ गिरा, जिससे पूरी सड़क अवरुद्ध हो गई।

नालागढ़- रामशहर-शिमला सड़क का कुमारहट्टी के पास 100 मीटर हिस्सा धंसा

नालागढ़ से करीब 9 किमी दूर कुमारहट्टी के पास सड़क के धंसने से नालागढ़, रामशहर, कुनिहार-शिमला मार्ग अवरुद्ध हो गया है।  इससे पहाड़ी क्षेत्र का नालागढ़ से संपर्क कट गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह करीब 8रू30 सड़क धंसना शुरू हुई और देखते ही देखते करीब 100 मीटर हिस्सा 10 फीट नीचे चला गया। इससे सड़क दो हिस्सों में बंट गई।  लोगों को कुमारहट्टी से बेहली-मैथल-गोल-जमाला से लंबा चक्कर लगाकर नालागढ़ पहुंचना पड़ेगा। करीब दो साल पहले भी यहां पर करीब 200 मीटर सड़क बह गई थी। अब उसी के साथ वाला हिस्सा बह गया है। लोक निर्माण नालागढ़ के सहायक अभियंता राजकुमार शर्मा ने बताया किसड़क के बंद होने की सूचना मिली है। संबंधित अधिकारियों को सड़क खोलने के निर्देश दे दिए गए हैं।

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