हरपालपुर में हमला: झांसी से प्रयागराज जा रही ट्रेन की गेट-खिड़कियां तोड़ी, पथराव और तोड़फोड़, Video वायरल
महू से प्रयागराज जा रही अंबेडकर नगर एक्सप्रेस पर सोमवार देर रात मध्य प्रदेश के हरपालपुर स्टेशन पर भीड़ ने हमला कर दिया। भीड़ ने ट्रेन की बोगियों पर जमकर पथराव किया। यात्री सहमकर अपनी जगहों पर दुबक गए। बताया जा रहा है कि भीड़ ट्रेन में घुसने की कोशिश कर रही थी। जब लोग अंदर घुसने में नाकाम रहे, तो उन्होंने गेट और खिड़कियां तोड़ डालीं। यह हमला महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के एक दिन पहले हुआ।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ ट्रेन की खिड़कियों और गेट पर हमला कर रही है। पथराव से बोगी के शीशे टूट गए। यात्री डरे हुए हैं और ट्रेन के अंदर ही छिपने की कोशिश कर रहे हैं। रेलवे प्रशासन ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। वीडियो वायरल होने के बाद रेलवे और पुलिस प्रशासन हरकत में आया है। उपद्रवियों की पहचान करने की कोशिश तेज कर दी गई है।
महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के चलते प्रयागराज में भारी भीड़ पहुंच रही है। प्रशासन ने पहले ही रिकॉर्डतोड़ भीड़ का अनुमान लगाया था। लाखों श्रद्धालु संगम नगरी पहुंच रहे हैं। इसी भीड़ के दबाव में हरपालपुर स्टेशन पर यह घटना हुई। प्रशासन ने महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। हालांकि, ट्रेन पर हुए इस हमले ने सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी है।
रेलवे सुरक्षा पर उठे सवाल
प्रयागराज जा रही ट्रेन पर हुए हमले ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है। लेकिन इस हमले ने सुरक्षा प्रबंधन की कमजोरी उजागर कर दी। घटना के बाद रेलवे और पुलिस प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। खासतौर पर भीड़भाड़ वाले इलाकों और स्टेशनों पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
महाकुंभ में अब तक 15 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे
महाकुंभ में अब तक 15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। 28 जनवरी 2025 की सुबह तक यह आंकड़ा दर्ज किया गया। मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का अनुमान है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या के बावजूद, इस तरह की घटनाएं प्रशासन के लिए चुनौती बन गई हैं।