रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को मिली अंतरिम जमानत: 11 साल 4 महीने बाद आया बाहर, सेवादारों ने की आतिशबाजी

राजस्थान हाईकोर्ट से रेप के मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बाद मंगलवार (14 जनवरी) की देर रात आसाराम (कैदी नंबर-130) भगत की कोठी (जोधपुर) स्थित आरोग्यम हॉस्पिटल से निकलकर पाल गांव (जोधपुर) स्थित अपने आश्रम पहुंचा। इस दौरान अस्पताल के बाहर उसके समर्थकों की भीड़ जुट गई। समर्थकों ने आसाराम को माला पहनाई। रात करीब 10:30 आसाराम अपने आश्रम पहुंचा। यहां भी सेवादारों ने आतिशबाजी करके आसाराम का स्वागत किया। रात 11 बजे आसाराम एकांतवास पर चला गया। आसाराम के ऊपर गुजरात के गांधीनगर और राजस्थान के जोधपुर में रेप के मामले दर्ज हैं। दोनों ही मामलों में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गुजरात से जुड़े केस में उसे 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली थी, इसके बाद 14 जनवरी को जोधपुर मामले में भी जमानत मिल गई। वह 75 दिन के लिए बाहर आया है। आसाराम को स्वास्थ्य कारणों के चलते 11 साल 4 माह 12 दिन बाद कोर्ट से अंतरिम जमानत के रूप में आंशिक राहत मिली है।
आसाराम के वकील निशांत बोड़ा ने बताया- जस्टिस दिनेश मेहता और विनीत कुमार माथुर की बेंच में SOS याचिका दायर की गई थी। आसाराम की तरफ से वकील आरएस सलूजा, निशांत बोडा, यशपाल सिंह राजपुरोहित और भारत सैनी ने पैरवी की थी। इसमें 7 जनवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट से गुजरात केस (रेप) में मिली जमानत का हवाला दिया गया था। इसमें आसाराम के इलाज की गुहार लगाई गई थी। उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए कोर्ट ने मंगलवार को आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी है। इस दौरान देश के किसी भी आश्रम में रहने की अनुमति होगी। हॉस्पिटल या आश्रम में इलाज भी करवा सकेगा।
आसाराम को इससे पहले 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सूरत के आश्रम में महिला अनुयायी से रेप के मामले में 31 मार्च तक जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आसाराम अपने फॉलोअर्स से नहीं मिल सकता है। आसाराम को जोधपुर रेप केस में राहत नहीं मिली थी। इसके बाद आसाराम के वकील ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद बड़ी राहत मिली। अब 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी गई है।