एनसीआर से संबद्ध हरियाणा के विभिन्न जिलों में आतंकवाद-रोधी तंत्र मजबूत किया गया: डीजीपी

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से संबद्ध हरियाणा के विभिन्न जिलों में आतंकवाद-रोधी तंत्र को और मजबूत किया गया है तथा यह कदम मुख्य रूप से फरीदाबाद से विस्फोटकों की बरामदगी के साथ एक ‘‘सफेदपोश’’ आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के एक सप्ताह बाद उठाया गया है। यह जानकारी हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ. पी. सिंह ने सोमवार को दी। सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि सतर्क नागरिक, पुलिस की आंख और कान बनकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियां, दिल्ली पुलिस और आतंकवाद-रोधी अभियानों में जुटे उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारी रविवार को फरीदाबाद में आयोजित एक बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सूचनाएं और ताजा स्थिति साझा की। जब सुरक्षा एजेंसियां एक साथ मिलकर काम करती हैं, तो एक और एक मिलकर 11 होते हैं।’’

 

 

 

डीजीपी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमने हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में अपने आतंकवाद-रोधी तंत्र को और मजबूत किया है। यह खुफिया जानकारी एकत्र करेगा, जांच करेगा और आतंकवादी गतिविधियों के संदिग्ध लोगों के खिलाफ निरंतर अभियान चलाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘…लेकिन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे कारगर हथियार है- सतर्क आम नागरिक। जैसे ही आपको कोई संदिग्ध व्यक्ति, गतिविधि या वस्तु दिखाई दे, ‘112’ (हेल्पलाइन) पर कॉल करें या स्थानीय पुलिस को सूचित करें। इससे आतंकवादियों को छिपने और अपनी योजना एवं गतिविधियों के संचालन के लिए जगह नहीं मिलेगी तथा समय रहते उनकी साजिश को विफल किया जा सकेगा।’’ सिंह ने कहा कि सतर्क नागरिक भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पुलिस की आंख और कान बन सकते हैं।

 

 

 

डीजीपी ने पोस्ट में कहा, “उदाहरण के लिए, अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले से पहले, अल-कायदा के आतंकवादी केवल उड़ान भरने का प्रशिक्षण ले रहे थे। अगर प्रशिक्षक को पता चल जाता कि वे उतरने में रुचि नहीं रखते और स्थानीय पुलिस को सूचित कर देते, तो उनकी साजिश को रोका जा सकता था।’’ उन्होंने यह भी कहा कि इजराइली सुरक्षाबल भले ही बड़ी संख्या में आतंकवादी हमलों को नाकाम करते हैं, लेकिन उसके नागरिक भी सतर्क रहते हैं। उन्होंने कहा कि इजराइली नागरिकों को अगर कुछ भी संदिग्ध दिखाई देता है, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करते हैं। सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले ही करनाल के एक सतर्क होटल कर्मचारी ने पुलिस को एक संदिग्ध पहचान पत्र के आधार पर कमरा बुक करने वाले एक व्यक्ति के बारे में सूचना दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘रात भर चले गहन अंतर-जिला अभियान के बाद उसे पकड़ लिया गया। पूछताछ के बाद, मामला कुछ और निकला, लेकिन होटल के सतर्क कर्मचारी ने अपना काम किया था।’’

 

 

 

उन्होंने कहा, ‘‘आप भी आतंकवाद के खिलाफ पुलिस की आंख और कान बनें। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति, गतिविधि या वस्तु की तुरंत 112 पर पुलिस को सूचना दें।’’ उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा एक अंतहीन कार्य है। डीजीपी ने कहा, ‘‘यह ऑक्सीजन की तरह है। थोड़ी सी भी कमी दम घोंट सकती है। खतरा हर तरफ से मंडरा रहा है… आतंकवाद एक अलग स्तर का पागलपन है।’’ उन्होंने कहा कि आतंकवादी आम लोगों को निशाना बनाते हैं और उनका लक्ष्य आतंक फैलाना होता है। डीजीपी ने कहा, ‘‘उन्हें (आतंकवादियों को) रोकने के लिए राज्य पुलिस से लेकर केंद्रीय एजेंसियों तक, एक व्यापक व्यवस्था है। यह दिन-रात काम करती है।’’ दस नवंबर को प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के कुछ ही घंटे बाद, दिल्ली के लालकिला के पास एक धीमी गति से चलती कार में उच्च-तीव्रता वाला एक विस्फोट हुआ, जिसमें 13 लोगों की जान चली गई। पुलिस द्वारा जम्मू कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले इस आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के बाद लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया था।

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