शंभू बॉर्डर पर एक और किसान ने की आत्महत्या, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार

शंभू बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर किसान डटे हुए हैं। इसी बीच, आज एक किसान ने सुसाइड कर लिया है। जानकारी के अनुसार, किसान ने सल्फास की गोलियां खा ली। हालत गंभीर होने के बाद में उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मिली जानकारी के मुताबिक, किसान रेशम सिंह तरनतारन जिले के पहुविंड गांव के रहने वाले थे। रेशम सिंह इस बात से नाराज थे कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 11 महीनों से चल रहे आंदोलन के बावजूद समस्या का सरकार द्वारा कोई समाधान नहीं किया जा रहा है।
इस बीच, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि रेशम सिंह किसान की आज सल्फास खाने से मौत हो गई है। रेशम सिंह की मौत की जिम्मेदार सरकार है मरने से पहले उन्होंने कहा है क्योंकि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर है लेकिन फिर भी सरकार बात नहीं कर रही है इसलिए वो आत्महत्या कर रहे हैं इसलिए जिन लोगों ने रेशम सिंह को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। रेशम सिंह पर काफी कर्ज भी था इसलिए उनके परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद और एक परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। जब तक सरकार मांगे नहीं मानती है तब तक रेशम सिंह का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा ना ही पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
वहीं अगर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बात करें तो उनकी हालत काफी नाजुक बनी हुई है। मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए अवतार सिंह ने बताया कि डल्लेवाल सही से बोल भी नहीं पा रहे हैं और वह मंगलवार को करीब एक घंटे तक बेहोश भी रहे थे। बुधवार को जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रदर्शन कर रहे अपने किसानों से कहा था कि उनके मरने के बाद भी अनशन को जारी रखें। अपने करीबी साथी काका सिंह कोटड़ा को भेजे एक मार्मिक संदेश में डल्लेवाल ने कहा कि उनके पार्थिव शरीर को धरना स्थल पर रखा जाए और किसी अन्य नेता द्वारा अनशन जारी रखा जाए। कोटड़ा ने कहा कि अनशनकारी नेता ने किसी से मिलने से साफ मना कर दिया।