पटवारियों के बाद अब राजस्व विभाग में दलालों की लिस्ट जारी, अकेले पलवल में 404 दलाल सक्रिय; मचा हड़कंप

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हरियाणा में भ्रष्टाचार के आरोपित 377 पटवारियों की सूची जारी होने के बाद प्रदेश सरकार ने अब राजस्व विभाग में जिला स्तर पर सक्रिय दलालों की सूची जारी करनी आरंभ कर दी है। राज्य के सभी 22 जिलों में सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर पटवारी व तहसील कार्यालयों में कार्यरत दलालों की सूची तैयार की गई है। 

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त की ओर से प्रत्येक जिला उपायुक्त के पास इस सूची को भेजा जा रहा है। जिला उपायुक्तों से कहा गया है कि वे इस सूची की जांच अपने अधीनस्थ किसी सीनियर अधिकारी से कराएं और अगले 15 दिनों के भीतर सरकार को अपनी स्पष्ट टिप्पणी के साथ रिपोर्ट भेजें। 

कुछ जिला उपायुक्तों के पास दलालों की सूची भेजी जा चुकी है तो कुछ के पास भेजने की प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल पलवल के जिला उपायुक्त को भेजी गई सूची सामने आई है।

इस सूची में पटवारखानों से लेकर तहसील कार्यालयों तक 404 दलाल सक्रिय होने का दावा किया गया है। इन दलालों के बाकायदा नाम दिये गये हैं और बताया गया है कि वे कब से कहां तथा किस तरह से दलाली का काम करते हुए सक्रिय हैं। 

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले दिनों भ्रष्टाचार के आरोपित पटवारियों की सूची जारी होने के बाद कहा था कि वे इस बात की जांच करा रहे हैं कि आखिर यह सूची कहां से जारी हुई। राज्य भर के पटवारी इस सूची का विरोध कर रहे हैं।

विपक्ष को भी सरकार पर अंगुली उठाने का मौका मिल गया है, लेकिन पटवारियों व दलालों से तंग होने वाले लोग सरकार के इस काम से बेहद खुश हैं। 

कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके करण सिंह दलाल ने तो राज्य सरकार से भ्रष्ट आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की सूची भी जारी करने का आग्रह किया है और पूछा है कि क्या किसी दूसरे विभाग में ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों की सूची नहीं बनाई गई है तथा इसका आधार क्या है?
जिला उपायुक्तों को भेजी जा रही दलालों की सूची के साथ जो लेटर लगाया गया है, उसमें कहा गया है कि राजस्व विभाग में बरसों से सक्रिय इन दलालों की कार्यप्रणाली के चलते सरकार के प्रति लोगों में नकारात्मक संदेश जा रहा है।
विशेष रूप से पलवल के जिला उपायुक्त को भेजे गये पत्र में इस बात का उल्लेख है कि राजस्व विभाग के कर्मचारी भी दलाली का काम कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों के नाम स्पष्ट रूप से उजागर किये गये हैं।
पलवल जैसी स्थिति बाकी जिला राजस्व विभागों में भी है। विपुल गोयल राजस्व मंत्री हैं और भ्रष्टाचारियों तथा दलालों पर वार को उनका बड़ा साहसिक कदम माना जा रहा है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों से कहा है कि अधिकारी आसानी से लोगों का काम नहीं करते। दलालों के सक्रिय रहने पर मजबूरी में लोगों को इनके माध्यम से ही अपने काम कराने पड़ते हैं। इसे गंभीरता से रोकने की जरूरत है। 

आदेश के साथ सुझाव दिया गया है कि प्रत्येक राजस्व कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, उनकी नियमित मानीटरिंग की जाए, राजस्व विभाग के कामों में पहले से अधिक पारदर्शिता लाई जाए तथा त्वरित कार्रवाई करने के बाद पत्र व सूची मिलने की तारीख से अगले 15 दिनों के भीतर अपनी पूरी रिपोर्ट सरकार को प्रेषित की जाए।

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