आप नेता ने दिया इस्तीफा: मोगा के पूर्व जिला प्रधान ने छोड़ी पार्टी, सोशल मीडिया पर पोस्ट… बताई वजह
आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने पार्टी से इस्तीफा दिया है। मोगा के पूर्व जिला प्रधान एवं मौजूदा मोगा प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन हरमन सिंह दीदारे वाला ने सोमवार को पार्टी छोड़ने का एलान किया है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ने की वजह भी बताई है। हरमन सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर खुलासा किया है।
हरमन सिंह दीदारे वाला ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि मैं लैड पूलिंग पॉलिसी से असहमत हूं और अपने जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन के पद से इस्तीफा देता हूं। किसानी हमारे लिए केवल एक पेशा नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है। मैं केजरीवाल साहब और मान साहब से अनुरोध करता हूं कि इस पर पुनर्विचार करें और पंजाबियों द्वारा आप पर जताए गए अपार विश्वास को टूटने न दें। बाद में फोन पर बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पंजाब सरकार द्वारा लागू की जा रही लैंड पुलिंग पॉलिसी के विरोध में यह कदम उठा रहे हैं।
बता दें कि पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की लैंड पूलिंग नीति का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। एक तरफ राजनीतिक दल इसके खिलाफ लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं, वहीं किसान संगठन भी एकजुट हैं। सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी के विरोध में 30 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर पंजाब में अलग-अलग शहरों में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च भी निकाला था।
केएमएम नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा था कि राज्य सरकार को किसानों की बढ़ती नाराजगी के चलते यह नीति तुरंत वापस लेनी चाहिए। हम ट्रैक्टर मार्च के जरिये स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि हम अपनी जमीन नहीं देंगे। किसान नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन केवल किसानों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मजदूरों, युवाओं और महिलाओं की भी ऐतिहासिक भागीदारी रही। उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है और अब किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे ऐसा नहीं होने देंगे।
आप सरकार की इस लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर विपक्षी दल और किसान संगठन इसकी तीखी आलोचना कर रहे हैं। इस नीति को किसानों की जमीन छीनने की लूट योजना बताया है।
हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए नीति को किसान हितैषी बता रही है। पंजाब कैबिनेट ने पिछले महीने लैंड पूलिंग नीति को मंजूरी दी थी और यह स्पष्ट किया था कि किसी भी जमीन मालिक से एक इंच जमीन भी जबरन नहीं ली जाएगी।सरकार के अनुसार, एक एकड़ जमीन देने वाले मालिक को बदले में 1,000 वर्ग गज का विकसित रिहायशी प्लॉट और 200 वर्ग गज का व्यावसायिक प्लॉट दिया जाएगा।सरकार का दावा है कि यह नीति राज्य में पारदर्शी और योजनाबद्ध शहरी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाई गई है।
