‘भगवंत मान को सीएम पद से हटाने की तैयारी कर रही AAP’, पंजाब कांग्रेस ने किया बड़ा दावा

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सत्ता गंवाने के बाद पंजाब की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। क्योंकि, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के पास अब केवल पंजाब में सरकार बची है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या केजरीवाल अब पंजाब के सीएम का पद संभालेंगे? क्‍या भगवंत मान की मुख्‍यमंत्री पद से छुट्टी होने वाली है? ये सवाल सियासी गलियारे में तेजी से तूल पकड़ रहे हैं। इसकी मुख्य वजह केजरीवाल की मंगलवार को पंजाब के AAP विधायकों के साथ होने वाली बैठक है। आप संयोजक ने यह बैठक दिल्‍ली में बुलाई है। केजरीवाल मंगलवार (11 फरवरी) सुबह 11 बजे कपूरथला भवन में सभी विधायकों से मिलेंगे। माना जा रहा है कि इसी वजह से पंजाब सरकार की 10 फरवरी को होने वाली कैबिनेट मीटिंग भी टाल दी गई।

बाजवा ने किया बड़ा दावा

पंजाब से आम आदमी पार्टी के विधायकों और मंत्रियों को तलब किए जाने के बाद पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सोमवार को कहा कि आम आदमी पार्टी भगवंत मान को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए जमीन तैयार कर रही है। उन्होंने कहा, ”दिल्ली में हाल ही में शर्मनाक हार के बाद ऐसा लगता है कि आप पंजाब में बचाव की मुद्रा में है। झाड़ू पार्टी ने सीमावर्ती राज्य में अपने विनाशकारी भविष्य का अनुमान लगा लिया है। इसके बाद आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पंजाब में अपनी सरकार बचाने के उपाय शुरू कर दिए हैं और शायद अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाजवा ने कहा कि भगवंत मान के अकुशल नेतृत्व में पंजाब में आप सरकार महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये देने, खनन से सालाना 20,000 करोड़ रुपये जुटाने, कानून व्यवस्था में सुधार और नशीली दवाओं के खतरे और भ्रष्टाचार को खत्म करने सहित अपने कई वादों को पूरा करने में बुरी तरह विफल रही है। इसलिए उनका मुख्यमंत्री पद पहले से ही दांव पर है।

कैबिनेट की बैठक दोबारा टालने पर AAP सरकार की आलोचना करते हुए बाजवा ने कहा कि पंजाब में कैबिनेट की आखिरी बैठक 5 अक्टूबर को हुई थी। पंजाब से जुड़े मुद्दों के प्रति आप सरकार के ढुलमुल रवैये का सबसे ज्यादा अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पिछले 4 महीनों से कैबिनेट की बैठक बुलाने की कोशिश नहीं की।

‘पंजाब दिवालिया होने की दहलीज पर खड़ा’

उन्होंने कहा, ‘पंजाब दिवालिया होने की दहलीज पर खड़ा है। इसके अलावा, राज्य में नशीली दवाओं के खतरे और कानून व्यवस्था जैसे अन्य मामले बड़े पैमाने पर मंडरा रहे हैं। फिर भी पंजाब के मुख्यमंत्री ऑस्ट्रेलिया दौरे और दिल्ली में पार्टी की बैठकों जैसे मामलों में व्यस्त हैं।

‘AAP के 30 विधायक हमारे संपर्क में’

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रताप सिंह बाजवा ने दावा है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के 30 विधायक हमारे संपर्क में हैं। बता दें कि पंजाब में 2022 में सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए थे। इस चुनाव में AAP ने 92, कांग्रेस 18, भाजपा 2, शिरोमणि अकाली दल 3 और बसपा 1 सीट जीती थी। पंजाब में बहुमत का आंकड़ा 59 का है। ऐसे में अगर 30 विधायक पार्टी छोड़ भी देते हैं तो भी AAP के पास 62 विधायक रहेंगे और सरकार को कोई खतरा नहीं होगा। हालांकि, AAP के प्रवक्ता नील गर्ग का कहना है कि दिल्ली में पार्टी की रुटीन मीटिंग होने जा रही है। यह पार्टी को तय करना है कि मीटिंग चंडीगढ़ में करनी है या दिल्ली में।

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