AAP विधायक कुलवंत सिंह पर धोखाधड़ी का आरोप, गुरुग्राम में FIR दर्ज

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पंजाब की साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) सीट से ‘आप’ विधायक कुलवंत सिंह और उनकी रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-2 पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर कोर्ट के आदेश पर एक साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने की धाराओं के तहत दर्ज की गई है। इस मामले में बिल्डर कंपनी एमजीएफ ने आरोप लगाया है कि कुलवंत सिंह और उनकी कंपनी जनता लैंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने उनकी और एमजीएफ की जमीन पर एक प्रोजेक्ट तैयार किया है.

 

समझौते के तहत एमजीएफ को यह प्रोजेक्ट बेचकर करीब 180 करोड़ रुपये मिलने थे. लेकिन कुलवंत सिंह और उनकी कंपनी ने केवल लगभग 24 करोड़ 10 लाख रुपये का भुगतान किया है और जनवरी 2021 से कोई भुगतान नहीं किया है। करीब 156 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हो रहा है.

 

ये दिया तर्क

एमजीएफ की ओर से कोर्ट में याचिका दायर कर दलील दी गई कि 31 अक्टूबर 2018 को जेएलपीपीएल कंपनी के साथ नया समझौता किया गया था. एम्मार-एमजीएफ विभाजन के बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके मुताबिक, पंजाब मोहाली के सेक्टर-94 में कुल 117.908 एकड़ जमीन में से एमजीएफ के पास 58.77 एकड़ और जेएलपीपीएल के पास 59.138 एकड़ जमीन थी. इस जमीन को विकसित करने की जिम्मेदारी जेएलपीपीएल को दी गई थी और विकास के बाद एमजीएफ के पास कुल 82009 वर्ग गज आवासीय और 7023 वर्ग गज वाणिज्यिक क्षेत्र होगा। जेएलपीपीएल को इस विकसित क्षेत्र को बेचने के लिए भी अधिकृत किया गया था।

 

मामले में एफआईआर दर्ज की गई

दिसंबर 2018 से भुगतान के लिए विभिन्न किश्तें तय की गईं और जेएलपीपीएल द्वारा एमजीएफ को कुल 180 करोड़ 41 लाख 98 हजार रुपये का भुगतान करना तय किया गया। कंपनी का कहना है कि एम्मार-एमजीएफ बंटवारे से पहले 21 मई 2013 को जेएलपीपीएल के साथ हुए समझौते में उसके पास 60.89 एकड़ जमीन थी, लेकिन 2018 में हुए समझौते में फर्जी दस्तावेजों में 51.96 एकड़ जमीन एमजीएफ की जमीन लिखी गई थी गया तय योजना के तहत कंपनी ने सिर्फ 24 करोड़ 10 लाख रुपये का भुगतान किया और जनवरी 2021 के बाद कोई भुगतान नहीं किया. जबकि समझौते के मुताबिक उन्हें 180 करोड़ रुपये चुकाने थे. ऐसे में कंपनी ने एग्रीमेंट के मुताबिक भुगतान न करने और करीब 9 एकड़ जमीन फर्जी तरीके से हड़पने के कारण करोड़ों के नुकसान का आरोप लगाया है. अब इस मामले में डीएलएफ फेज-2 थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई है.

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