रिटायर्ड कर्नल पर सोसायटी का इलेक्शन न करवाने और मारपीट का आरोप, क्रॉस केस दर्ज
मोहाली– सेक्टर 68 की दर्शन विहार सोसायटी में 5 साल से इलेक्शन नहीं हुए। इसको लेकर जब सोसायटी के रेजिडेंट ने मौजूदा गवर्निंग बॉडी को इलेक्शन करवाने के लिए कहा तो दोनों पक्षों में पहले गाली गलौज हुई और फिर मारपीट। जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों पर क्रॉस केस दर्ज कर लिया। सोसायटी में रहने वाले रेजिडेंट प्रीतपाल सिंह ने बताया कि सोसायटी की एक मीटिंग रखी गई थी। जिसमें उन्हें भी बुलाया गया था। जब वह मीटिंग में गए और उन्होंने मौजूदा गवर्निंग बॉडी से सोसायटी का हिस्सा पूछा और इलेक्शन करवाने के लिए कहा तो सोसायटी के सेक्रेटरी रिटायर्ड कर्नल श्याम लाल शर्मा ने उनके साथ गाली-गलौज करनी शुरू कर दी और बोलने लगे कि वह एक सिविलियन हैं।
उन्हें आर्मी के बड़े अफसर से बात करने का कोई अधिकार नहीं है। जिस पर उन्होंने कहा कि वह भी इस सोसायटी के सदस्य हैं और हर तरीके की फीस और पैसे देकर फ्लैट खरीदा है। लेकिन उसके बावजूद कर्नल ने मारपीट शुरू कर दी और खुद ही जाकर अस्पताल में भर्ती हो गए और झूठी कहानी बना दी कि उनका दांत मारपीट में टूटा है। जबकि कर्नल श्याम लाल शर्मा, कर्नल एमके भारद्वाज और कर्नल जेके डडवाल ने मिलकर उनके साथ मारपीट की है।
कोर्ट के आदेश के बाद होंगे इलेक्शन
इस मामले में जब कर्नल श्यामलाल शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो आरोप लगे हैं वह गलत हैं। जो इलेक्शन की बात है यह मामला कोर्ट में है। कोर्ट के निर्देश पर ही 2019 में इलेक्शन करवाए थे। उसके बाद से लेकर अब तक कोर्ट का इसमें कोई फैसला नहीं आया है। जब तक कोर्ट कोई फैसला नहीं देता तब तक इलेक्शन नहीं करवाए जा सकते।
हर साल करवाने होते हैं इलेक्शन
सोसायटी के रेजिडेंट प्रितपाल सिंह ने कहा कि सोसायटी के नियमों में साफ तौर पर लिखा है कि पार्टी के इलेक्शन हर साल करवाने अनिवार्य हैं। ऐसा न करने पर वह सोसायटी किसी भी प्रकार से मान्य नहीं होगी। लेकिन उसके बावजूद सोसायटी की मौजूदा गवर्निंग बॉडी की तरफ से पिछले 5 साल से इलेक्शन नहीं करवाए हैं और वह इस साइट पर कब्जा करके बैठे हैं। अगर उन्हें कोई इलेक्शन करवाने के लिए कहता है तो वह उल्टा उसके साथ गाली गलौज करते हैं और मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। पाल ने कहा कि दोनों पक्षों का कोर्ट में सोसायटी के हिसाब किताब को लेकर केस चल रहा है। लेकिन कोर्ट ने सोसायटी के इलेक्शन पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई है।