भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब, डोनाल्ड ट्रंप के बाद चीन ने किया Ind-Pak युद्ध रुकवाने का दावा
भारत-पाकिस्तान के बीच में हुए सीजफायर को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देश क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं। पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों में युद्ध रुकवाने का दावा किया था। अब इसी बीच चीन ने संघर्षविराम रोकने का दावा कर दिया है परंतु भारत ने दोनों के बयानों को ही खारिज कर दिया है। भारत ने यह साफ-साफ कह दिया है कि यह पूरी तरह से दो देशों के बीच का मामला था। भारत के सरकारी सूत्रों ने यह साफ कह दिया है कि किसी भी स्तर पर किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान ने खुद भारत से युद्धविराम की मांग की थी।
चीन के विदेश मंत्री ने दिया था बयान
भारत ने यह सफाई ऐसे समय पर दी है जब चीन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को दोहराया है। दावा दोहराते हुए चीन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुई शांति बातचीत का कारण बताया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने एक बयान में कहा था कि बीजिंग ने खई वैश्विक संघर्षों के समाधान में भूमिका निभाई है इसमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष भी शामिल है।
भारत का हमेशा से रुख था साफ
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्यस्थता को लेकर भारत का रुख हमेशा ही साफ रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद कोई भी मध्यस्थता नहीं हुई है। भारत ने हमेशा से कहा है कि किसी तीसरे पक्ष की हस्तक्षेप की कोई भी गुंजाइश नहीं है। पाकिस्तान ने ही संघर्षविराम के लिए भारत के डीजीएमओ के साथ संपर्क किया था। बीजिंग में एक मीटिंग के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि इस साल दुनिया में कई स्थानीय युद्ध और सीमा पार संघर्ष हुए हैं। उन्होंने यह दावा किया कि चीन ने म्यांमार, ईरान के परमाणु मुद्दे, भारत-पाकिस्तान तनाव, फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष और कंबोडिया-थाईलैंड विवाद जैसे मामलों में दखलअंदाजी की थी।
13 मई 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि संघर्षविराम की तारीख, समय और शब्दावली दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हुई बातचीत में तय हुई थी। मंत्रालय ने यह साफ किया था कि इस प्रक्रिया में किसी भी अन्य देश की कोई भूमिका नहीं होती है।
