जालंधर में 5.54 करोड़ रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला जिसके कार्यालय में हुई थी ईडी की रेड, उसके साथ हो गई ठगी… वन टाइम सेटलमेंट के नाम पर रची गई साजिश, फर्जी राज्यसभा सदस्य बनाकर जीता गया भरोसा
जालंधर। डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजने के मामले में हाल ही में जिस एजेंट के कार्यालय में छापेमारी की थी उसके साथ करोड़ों रुपये की ठगी हो गई। बात हो रही है रिची ट्रेवल एजेंट सतपाल मुलतानी की।
जालंधर के बस अड्डे पर स्थित रिची ट्रैवल्स एजेंसी के मालिक सतपाल मुल्तानी से करोड़ों रुपये की ठगी किए जाने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। जसवंत नगर निवासी सतपाल मुल्तानी से 5 करोड़ 54 लाख 17 हजार 318 रुपये की ठगी के आरोप में थाना-7 में दिल्ली निवासी मोहित गोगिया तथा भारत छाबड़ा के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।
पीड़ित सतपाल मुल्तानी द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार, उनके व्यावसायिक साझेदार सुखविंदर सिंह ने लगभग 10 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इस ऋण के एवज में परागपुर के समीप जीटी रोड पर स्थित लगभग 436 मरले भूमि को बैंक के पास गिरवी रखा गया था, जिसमें सतपाल मुल्तानी स्वयं बैंक के गारंटर थे।
आरोप है कि साझेदार ऋण लेकर विदेश (अमेरिका) चला गया, जिसके बाद बैंक द्वारा ऋण वसूली का दबाव बढ़ गया। ऋण से मुक्ति पाने के उद्देश्य से सतपाल मुल्तानी अपने एक परिचित के माध्यम से दिल्ली में मोहित गोगिया के संपर्क में आए।
फर्जी राज्यसभा सदस्य बनाकर ठगा गया
दिल्ली स्थित मोहित गोगिया के कार्यालय में सतपाल मुल्तानी की भेंट एक ऐसे व्यक्ति से करवाई गई, जिसने स्वयं को राज्यसभा का सदस्य बताया। उक्त व्यक्ति ने दावा किया कि उसे बैंक की ओर से वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) के लिए अधिकृत किया गया है।
इस पर विश्वास करते हुए सतपाल मुल्तानी ने आरोपियों द्वारा बताए गए खातों में करोड़ों रुपये जमा करवा दिए। इसके पश्चात आरोपियों ने बैंक द्वारा जारी किया गया बताकर नो ड्यूज प्रमाण पत्र व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा और आश्वासन दिया कि एक माह के भीतर बैंक की ओर से सभी मूल दस्तावेज प्राप्त हो जाएंगे।
बैंक जाने पर खुला धोखाधड़ी का भंडाफोड़
जब निर्धारित समयावधि के बाद भी दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए, तो सतपाल मुल्तानी स्वयं बैंक पहुंचे। वहां उन्हें ज्ञात हुआ कि बैंक द्वारा ऐसा कोई नो ड्यूज प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है।
आरोप है कि इसके बाद मोहित गोगिया ने तीन बार उक्त राशि के चेक दिए, किंतु तीनों ही अस्वीकृत (बाउंस) हो गए।
एक वर्ष की जांच के बाद दर्ज हुआ मामला
करीब एक वर्ष तक चली जांच के उपरांत पुलिस ने मंगलवार रात्रि थाना-7 में आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) तथा 406 (आपराधिक विश्वासघात) के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।
