मिस इंडिया अर्थ वंशिका परमार को शिमला मेयर ने किया सम्मानित; युवाओं और सामाजिक पहल के प्रति समर्पण दोहराया
मिस इंडिया अर्थ वंशिका परमार को शिमला मेयर ने किया सम्मानित; युवाओं और सामाजिक पहल के प्रति समर्पण दोहराया
एक गरिमामय एवं सौहार्दपूर्ण समारोह में शिमला के मेयर श्री सुरेंद्र चौहान ने मिस इंडिया अर्थ 2022 एवं हिमाचल प्रदेश पर्यटन एंबेसडर सुश्री वंशिका परमार का सम्मान किया। उन्होंने वंशिका को “हिमाचल की वह बेटी जो वैश्विक स्तर पर प्रदेश का अतुलनीय मान बढ़ा रही है” के रूप में सराहा।
हमीरपुर जिले के नादौन की निवासी वंशिका हिमाचल प्रदेश से पहली मिस इंडिया विजेता हैं तथा राज्य की पहली महिला हैं जिन्होंने मिस अर्थ — विश्व की चार प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में से एक — में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनका कार्यक्षेत्र वैश्विक पर्यटन कूटनीति, मानवीय सेवा, युवा सशक्तिकरण एवं पर्यावरण नेतृत्व जैसे क्षेत्रों में एशिया और अफ्रीका सहित कई देशों तक विस्तृत है।
मेयर ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री ने हाल ही में वंशिका की अंतरराष्ट्रीय मानवीय एवं सतत-विकास केंद्रित पहलों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी वैश्विक उपस्थिति हिमाचल के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि विंटर कार्निवल में उनकी मौजूदगी राज्य के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
समारोह को संबोधित करते हुए वंशिका ने गहरा आभार व्यक्त किया और जिम्मेदार पर्यटन, युवा सशक्तिकरण, सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने संकल्प को दोहराया। उन्होंने मुख्यमंत्री के नशा विरोधी अभियान का दृढ़ समर्थन करते हुए युवाओं से अनुशासन और उद्देश्यपूर्ण जीवन अपनाने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने सुख आश्रय योजना की सराहना करते हुए इसे “अनाथ बच्चों की गरिमा की रक्षा करने वाली संवेदनशील शासन व्यवस्था का प्रतीक” बताया।
वंशिका ने कहा कि उनका कार्य — जिसमें दस नीतिगत श्वेतपत्र, सतत शैक्षणिक शोध एवं अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक नेतृत्व शामिल है — हिमाचल और भारत की सेवा के भाव में निहित है। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि वह विनम्रता और समर्पण के साथ विश्व मंच पर हिमाचली पहचान, मूल्यों और पर्यटन का प्रतिनिधित्व करती रहेंगी।
शैक्षणिक रूप से वंशिका दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस की पूर्व छात्रा एवं स्वर्ण पदक विजेता रही हैं, और वर्तमान में डॉक्टोरल शोध कर रही हैं। उन्होंने सतत विकास, युवा उन्नयन एवं सांस्कृतिक पारिस्थितिकी पर कई पुस्तकें एवं दस नीतिगत शोध-पत्र लिखे हैं — जो उनके सार्वजनिक कार्य के बौद्धिक आयाम को दर्शाते हैं।
समारोह के अंत में उन्होंने दोहराया कि वह sincerity, humility और सेवा भाव के साथ हिमाचल की पहचान, संस्कृति, मूल्यों एवं पर्यटन को वैश्विक मंच पर आगे बढ़ाती रहेंगी।
