जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों की मतगणना की वीडियोग्राफी की मांग, हाईकोर्ट पहुंचे राजा वड़िंग

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पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने जिला परिषद और पंचायत ब्लाक समिति चुनावों की मतगणना प्रक्रिया को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

उन्होंने 17 दिसंबर को पूरे पंजाब में होने वाली इन चुनावों की मतगणना के दौरान संपूर्ण प्रक्रिया की अनिवार्य वीडियोग्राफी कराने की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि यह जनहित याचिका “पंजाब राज्य में जिला परिषद चुनावों की शुद्धता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता की रक्षा” के उद्देश्य से दाखिल की गई है।

याचिकाकर्ता का तर्क है कि मतगणना चुनाव प्रक्रिया का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और निर्णायक चरण है, जो परिणाम घोषित होने तक जारी रहता है। इसके बावजूद जिला परिषद चुनावों में मतगणना की प्रक्रिया बिना किसी अनिवार्य वीडियोग्राफी के कराई जाती है, जिससे चुनाव के सबसे संवेदनशील चरण का कोई वस्तुनिष्ठ और सत्यापन योग्य रिकार्ड उपलब्ध नहीं रहता।

याचिका में यह भी कहा गया है कि मतगणना के दौरान वीडियोग्राफी न होने से पूरी प्रक्रिया अपारदर्शी हो जाती है और उसमें मनमानी व हेरफेर की आशंका बनी रहती है। इससे न केवल चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े होते हैं, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में आम जनता का विश्वास भी कमजोर पड़ता है।

संवैधानिक सिद्धांतों का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संविधान की मूल संरचना का हिस्सा हैं। ऐसे में मतगणना स्तर पर पारदर्शिता का अभाव संविधान का उल्लंघन है।

याचिका में दलील दी गई है कि मतगणना की वीडियोग्राफी एक न्यूनतम, उचित और संवैधानिक रूप से स्वीकार्य सुरक्षा उपाय है, जो न तो चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है और न ही मतपत्र की गोपनीयता का उल्लंघन करता है।

इसके विपरीत, यह जवाबदेही बढ़ाने, कदाचार को हतोत्साहित करने और चुनाव के बाद उत्पन्न होने वाले विवादों को कम करने में सहायक है।

याचिकाकर्ता ने यह स्पष्ट किया है कि वह किसी चुनाव परिणाम को चुनौती नहीं दे रहे हैं, बल्कि केवल निवारक और संस्थागत सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं।

याचिका में अदालत से आग्रह किया गया है कि जिला परिषद और ब्लाक समिति चुनावों की पूरी मतगणना प्रक्रिया की अनिवार्य वीडियोग्राफी के निर्देश दिए जाएं, वीडियोग्राफिक रिकार्ड को निर्धारित अवधि तक सुरक्षित रखने और न्यायिक अथवा वैधानिक जांच के लिए उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।

इसके साथ ही वीडियोग्राफी, रिकॉर्ड के भंडारण, उसकी पहुंच और जवाबदेही से संबंधित एकरूप और बाध्यकारी दिशानिर्देश तैयार करने की भी मांग की गई है। यह जनहित याचिका मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है।

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