चंडीगढ़: 15वें चंडीगढ़ राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में हिमाचली संध्या ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया

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चंडीगढ़: 15वें चंडीगढ़ राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में मंगलवार शाम हिमाचली संध्या का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें हिमाचल की प्रसिद्ध सिंगर कुल्लवी स्वर कोकिला पंडित खुशबू भारद्वाज और इंडियन आइडल सीजन-2 के रनर-अप व बॉलीवुड सिंगर अनुज शर्मा ने अपनी दमदार प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। दोनों कलाकारों ने बॉलीवुड, हिंदी, पंजाबी और पारंपरिक कुल्लवी-संगीत की मधुर धुनों से कलाग्राम की फिजाओं में हिमाचल का रंग घोल दिया।

 

हिमाचल के अंतरराष्ट्रीय मेलों में अपनी अलग पहचान रखने वाली खुशबू भारद्वाज ने कुल्लवी गीत, नाटियां और लोकधुनों से दर्शकों को शिमला, मनाली, कुल्लू और किन्नौर की आबोहवा का अहसास कराया। वहीं, अनुज शर्मा ने देवा श्री गणेशा, तेरी दीवानी, ए दिल है मुश्किल, सानु इक पल चैन न आवे, की बनू दुनिया दा और लोकप्रिय हिमाचली गीत माए नि मेरिए समेत कई मनभावन गीतों से दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। संध्या में हिमाचल के वरिष्ठ एंकर और संस्कृतिकर्मी कुलदीप गुलेरिया ने संचालन किया, जबकि गोगी ऑर्केस्ट्रा और हिमाचली डांस ग्रुप ने अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को और भव्य बनाया। यह आयोजन उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला और चंडीगढ़ कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

 

 

 

 

 

दिनभर लोकनृत्यों का जादू छाया

 

दिन के सत्र में देशभर के पारंपरिक लोकनृत्यों ने दर्शकों को राज्यों की विविध संस्कृति का सुंदर परिचय दिया। महाराष्ट्र का सोंगी मुखौटा और लावणी, राजस्थान का चरी, पश्चिम बंगाल का नटुआ, असम का बिहू और यूपी का बरसाना होली नृत्य खास आकर्षण रहे। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। दोपहर में पंजाब के आदिवासी समुदाय का सम्मी, छत्तीसगढ़ का पंथी, त्रिपुरा का होजगिरी, राजस्थान का चकरी और जम्मू-कश्मीर का धमाली नृत्य प्रस्तुत किया गया। बेहतरीन वेशभूषा, रंग संयोजन और कलाकारों की अभिव्यक्ति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।

 

 

 

 

 

पंडवानी ने जगाई अध्यात्म की अलख

 

अपराह्न में छत्तीसगढ़ी एकल नाट्य पंडवानी (महाभारत आधारित गाथा गायन) का प्रदर्शन हुआ। कथावाचन, लोकवाद्य और कलाकार के भावपूर्ण अभिनय ने श्रोताओं का मन मोह लिया।

 

 

 

 

 

कच्छी घोड़ी और बाजीगर-नचार की धूम

 

मेले में राजस्थान की कच्छी घोड़ी, पंजाब का बाजीगर-नचार, हरियाणा का बीन (जोगी) और नगााड़ा दिनभर दर्शकों का आकर्षण बने रहे।

 

 

 

 

 

स्टालों पर उमड़ी भीड़, दस्तकार बिक्री से उत्साहित

 

मेले के शिल्पकारों के हस्तनिर्मित उत्पादों को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। लुधियाना से आए गुरुदयाल सिंह ने कहा कि उत्पादों की गुणवत्ता और डिजाइन लाजवाब हैं। पंचकूला निवासी हरमन कौर ने बताया कि यहां से खरीदारी करना किफायती होने के साथ-साथ शिल्पकारों को प्रोत्साहन भी देता है। ट्राइसिटी के लोग मेले में लगाए गए विभिन्न राज्यों के व्यंजनों का

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