CITCO के तीन लग्जरी होटलों को PPP मॉडल पर सौंपने की कवायद तेज
शहर की शान माने जाने वाले होटल माउंटव्यू, शिवालिकव्यू और पार्कव्यू को बचाने की आखिरी कोशिश में चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सिटको) ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल का रास्ता अपनाया है। लगातार बढ़ते घाटे और निजी होटलों की चमकदार प्रतिस्पर्धा से जूझ रहा सिटको अब इन तीनों होटलों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है।
सात सदस्यीय समिति गठित, देशभर के मॉडल का अध्ययन
सिटको ने PPP की संभावनाओं का वैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए सात सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। समिति की कमान महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा) के हाथों में है। यह टीम दिल्ली, राजस्थान, गुजरात समेत विभिन्न राज्यों में सफल PPP मॉडल्स का ग्राउंड जीरो अध्ययन करेगी।
“हमारा उद्देश्य होटलों को न केवल घाटे से उबारना है, बल्कि उन्हें विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करना है” – सिटको सूत्र
कर्मचारी यूनियनों का आक्रोश: “निजीकरण = बर्बादी का फॉर्मूला”
सिटको की इस पहल पर दोनों प्रमुख यूनियनों – प्रोग्रेसिव वर्कर्स यूनियन और सिटको वर्कर्स यूनियन ने मोर्चा खोल दिया है। संयुक्त पत्र में यूनियनों ने चेयरमैन को चेतावनी दी:
“पहले के निजीकरण प्रयोग सिटको के लिए काला अध्याय साबित हुए हैं। अब फिर वही गलती दोहराई जा रही है।”
निजीकरण के काले सच (पिछले रिकॉर्ड):
प्रोजेक्ट
वर्ष
नतीजा
सेक्टर-34 ड्रॉप-इन सुविधा
2020
निजी ऑपरेटर ने लाइसेंस फीस नहीं दी, मामला कोर्ट में
कलाग्राम बैंक्वेट हॉल
2022
फर्म ने रातोंरात परिसर खाली किया, लाखों का बकाया
माउंटव्यू हेल्थ क्लब
चल रहा
विवादित ऑपरेटर के बावजूद चल रहा, हाईकोर्ट में केस
मैजिक वॉक रेस्टोरेंट
प्रस्तावित
कागजों पर ही दफन
होटलों की मौजूदा हालत
होटल माउंटव्यू: शहर का सबसे पुराना लग्जरी होटल, लेकिन मेंटेनेंस की कमी से ग्राहक खिसक रहे।
शिवालिकव्यू: सेक्टर-17 का व्यावसायिक केंद्र, कॉर्पोरेट बुकिंग में भारी गिरावट।
पार्कव्यू: पर्यटक सीजन में भी 40% ऑक्यूपेंसी, स्टाफ की कमी गंभीर।
क्या है PPP मॉडल का प्लान?
निजी पार्टनर होटलों का संचालन, अपग्रेडेशन और मार्केटिंग करेगा।
सिटको को निश्चित रेवेन्यू शेयर + प्रॉपर्टी का मालिकाना हक बरकरार।
अनुबंध अवधि: 20-30 वर्ष (संभावित)।
यूनियनों की मांगें
PPP से पहले होटलों का सरकारी फंड से रिनोवेशन
कर्मचारियों की नौकरी गारंटी लिखित में
पिछले बकाया वसूली पहले, नया प्रयोग बाद में
अगला कदम: समिति की रिपोर्ट दिसंबर अंत तक आएगी। उसके बाद कैबिनेट सब-कमिटी फैसला लेगी।
इस बीच, यूनियन नेताओं ने 13 नवंबर को सिटको मुख्यालय के बाहर धरना देने का ऐलान किया है। शहर की इन ऐतिहासिक संपत्तियों का भविष्य अब समिति की रिपोर्ट और सड़क के संघर्ष के बीच फंसा नजर आ रहा है।
