पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट प्रेमी जोड़े की सुरक्षा पर हुआ सख्त: कहा- आवेदन मिलते ही एक्शन लें, किसी भी अनहोनी पर अधिकारी जिम्मेदार होंगे
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि प्रेमी जोड़े (कपल) को सुरक्षा प्रदान करने में देरी जीवन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा का आवेदन मिलते ही, विशेष रूप से विवाह संबंधी मामलों में, सिक्योरिटी प्रदान की जानी चाहिए। किसी भी इनकार के लिए एक विस्तृत, स्पष्ट आदेश होना चाहिए। जस्टिस प्रमोद गोयल ने कहा कि संरक्षण के मामलों में स्टेट अथॉरिटी की जिम्मेदारी है कि वे पहले सिक्योरिटी दें और फिर यह पता लगाएं कि कोई खतरा पैदा हुआ है या नहीं।
देरी के लिए कोर्ट ने वॉर्निंग दी
देरी के लिए व्यक्तिगत उत्तरदायित्व की चेतावनी देते हुए, कोर्ट ने कहा, यदि किसी नागरिक द्वारा आवेदन प्राप्त होने पर तुरंत सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती है, विशेष रूप से विवाह के मामले में, तो अधिकारियों को समय पर सुरक्षा प्रदान न करने और किसी भी अप्रिय घटना के घटित होने पर एक या अन्य रिपोर्ट मांगने में उनकी निष्क्रियता के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
