चंडीगढ़ में सुखना झील का फ्लडगेट खुला, भारी बारिश का दिखा असर, जल स्तर 1163 फीट किया गया दर्ज

बीते तीन दिनों से लगातार बारिश के चंडीगढ़ के सुखना झील का जलस्तर लगातार खतरनाक स्तर बना हुआ है. वर्तमान में सुखना लेक का जल स्तर 1163 फीट दर्ज किया गया है. स्थिति को देखते हुए रविवार को प्रशासन की ओर से शाम 7 बजे झील का एक फ्लड गेट खोला गया था. इससे पहले 6, 8, 17 अगस्त को भी गेट खोलकर सुखना चोए के जरिए घग्गर नदी में पानी को छोड़ा गया था. इस कारण घग्गर नदी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
सीसीटीवी कैमरे से झील पर रखी जा रही है नजरः इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के अनुसार जलस्तर 1163 फीट पहुंचते ही फ्लडगेट को चार इंच ऊपर उठाया गया था. गेट तब तक खुला रखा जा रहा है, जब तक जलस्तर घटकर 1162 फीट तक नहीं पहुंच जाए. इसी बीच सुखना लेक में जलस्तर लगातार खतरे के स्तर पर बना हुआ है. हिमाचल में लगातार बारिश के कारण मैदानी इलाके में इनका असर पड़ रहा है. इन कारणों से सुखना लेक में शिवालिक की पहड़ियों से आने वाला पानी इकट्ठा हो रहा है. वहीं यूटी की इंजीनियरिंग विभाग ने झील के रेगुलेटर लगातार नजर बनाए हुए हैं और 24 घंटे कर्मचारी तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों से भी मॉनिटरिंग की जा रही है.
28 जून को किया गया था ट्रायल चेकः झील से पानी छोड़े जाने के दौरान चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला के जिला प्रशासन के साथ तालमेल के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. गेट खोलने से पहले पड़ोसी जिलों के प्रशासन को अलर्ट किया जाता है. बता दें कि इससे पहले फ्लडगेट का ट्रायल 28 जून को किया गया था.
सुखना झील आंकड़ों मेंः सुखना झील के डेटा के अनुसार, 2023 में चार बार, 2022 में छह बार और 2021 में पांच बार सुखना झील के गेट खोले गए थे. अगस्त 2020 में जब एक साथ दो फ्लड गेट खोले गए थे, तो सुखना चोए के पास वाले जिरकपुर के निचले इलाकों में भारी जलभराव हो गया था. वहीं, 24 सितंबर 2018 को एक दशक बाद पहली बार झील के फ्लड गेट खोले गए थे.