हिमाचल में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, आज इन 7 जिलों के लोग रहे सावधान, बाढ़ फिर मचाएगी तबाही

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शिमला। मौसम विभाग ने 27 जून को प्रदेश के आठ जिलों चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, कुल्लू, किन्नौर, शिमला व सोलन में भारी वर्षा के कारण बाढ़ आने की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 29, 30 और पहली जुलाई को भी भारी वर्षा की संभावना जताई है। प्रदेश में अभी तक बरसात के दौरान हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

शिमला-रिकांगपिओ राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर पोवारी-शोंगठोंग बैराज के पास सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से दरारें पड़ गई हैं। भूस्खलन के कारण एनएच का कुछ हिस्सा ढह गया है। इससे यातायात बाधित हो गया है।

प्रदेश में वीरवार को अधिकतम तापमान में दो से 7.6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई है। अधिकतम तापमान में सबसे अधिक वृद्धि हमीरपुर में 7.6 डिग्री सेल्सियस की हुई है। वीरवार को यहां पर तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जोकि प्रदेश में सबसे अधिक रहा।

 

धौलाकुआं में अधिकतम तापमान 6.5 की वृद्धि के साथ 35 और नेरी में 6.5 की वृद्धि के साथ 34.2 डिग्री सेल्सियस रहा। नाहन, सोलन और कांगड़ा में पांच डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। न्यूनतम तापमान में दो से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान पालमपुर में सबसे अधिक 76.6, बंजार में 75.4, धर्मशाला में 40.1, नारकंडा में 39, शिलारू में 33.6, चंबा में 32 और ऊना में 30.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है।

 

कुल्लू की सैंज घाटी में बुधवार को जब बादल फटा तो केवल पानी नहीं आया, साथ लाया वर्षों पुराने चीड़ और देवदार के पेड़। बादल फटने से घर, दुकानें व तीन लोग ही नहीं बहे, ब्यास की लहरों में प्रकृति की पुकार भी बहकर आई। भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड (बीबीएमबी) के पंडोह बांध की दीवारों से टकराती पानी की आवाजें कुछ असहज-सी लग रही थीं।

 

किनारे खड़े कुछ लोग चुपचाप ताक रहे थे उस बहाव को, जिसमें देवदार और चीड़ की कीमती लकड़ी बहती जा रही थी। यह महज लकड़ी नहीं थीं, यह हिमाचल की हरी सांसें थीं। किसी ने कहा यह सिर्फ पेड़ नहीं थे, वर्षों की धरोहर थी जो आज पानी में विलीन हो गई।

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