Alert: छापेमारी में बड़ा खुलासा, कैंसर के मरीजों को बेची जा रही नकली दवाएं

दिल्ली में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। खासतौर पर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज के नाम पर नकली दवाएं बाजार में बेची जा रही थीं। इस पर सख्ती दिखाते हुए दिल्ली पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीमों ने राजधानी के कई इलाकों में एकसाथ छापेमारी की है। इस छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में संदिग्ध दवाएं बरामद की गईं जिन्हें गरीब मरीजों को सस्ती दवा के नाम पर बेचा जा रहा था।
दिल्ली की क्राइम ब्रांच और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर मंडावली, लक्ष्मी नगर, बुध विहार और चांदनी चौक जैसे इलाकों में एक साथ छापेमारी की। इन इलाकों से भारी मात्रा में इंजेक्शन और दवाएं मिलीं जिन पर न तो सही पैकिंग थी और न ही बारकोड। कुछ पर तो एक्सपायरी डेट भी गायब थी। अधिकारियों ने बताया कि इन नकली दवाओं को असली ब्रांड की तरह पेश किया जाता था और मरीजों को गुमराह कर बेचा जाता था।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कई मामलों में ये दवाएं कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में इस्तेमाल हो रही थीं।
- जिन दवाओं की असली कीमत 1.5 से 2 लाख रुपये तक होती है
- वो नकली दवाएं 50 से 70 हजार रुपये में गरीब मरीजों को दी जा रही थीं
हेल्थ एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि नकली दवाओं के लंबे समय तक सेवन से न केवल बीमारी और बढ़ जाती है बल्कि मरीज की जान भी जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने जानकारी दी कि अब तक करीब 160 जगहों से दवाओं के सैंपल लिए गए हैं जिन्हें लैब में जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट 3-4 दिन में आएगी और जिस किसी की भी संलिप्तता पाई जाएगी उस पर कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पंकज सिंह ने स्पष्ट किया कि जो भी लोग इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं उन्हें किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अगर रिपोर्ट में गड़बड़ी साबित होती है तो उन पर सख्त से सख्त कानूनी एक्शन लिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने जनता से अपील की कि कैंसर या किसी भी गंभीर बीमारी की दवाएं केवल अधिकृत मेडिकल स्टोर या सरकारी अस्पतालों से ही खरीदें।
उन्होंने यह भी कहा कि:
- दवा खरीदते समय पैकिंग, बारकोड, एक्सपायरी डेट और कंपनी का नाम जरूर जांचें
- अगर कोई दवा संदिग्ध लगे तो उसकी जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग या पुलिस को दें
- सस्ती दवा के चक्कर में अनजान या बिना लाइसेंस वाली दुकानों से खरीदारी न करें
इस पूरे मामले के बीच दिल्ली सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है।
स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि दिल्ली मेडिकल काउंसिल (DMC) को भंग कर दिया गया है और उसकी सभी जिम्मेदारियां अब डायरेक्टरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DHS) को दे दी गई हैं। अब DHS रजिस्ट्रार की भूमिका निभाएगा और नए डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन समेत अन्य काम देखेगा।
देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की बात होती है लेकिन जब बाजार में नकली दवाएं पहुंचती हैं तो ये पूरी प्रणाली पर सवाल खड़ा कर देती हैं।
मरीजों और उनके परिवारों की ज़रा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
इसलिए जरूरी है कि:
- सिर्फ भरोसेमंद स्त्रोत से ही दवा लें
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना दें
- और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस को गंभीरता से अपनाएं