पंजाब में देश की पहली संपत्ति रजिस्ट्रेशन प्रणाली की शुरुआत, अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान की ऐतिहासिक पहल

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आम लोगों को नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सोमवार को ‘ईज़ी रजिस्ट्री’ प्रणाली (जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री आसान तरीके से करने) की शुरुआत की है, जिसे पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने समर्पित किया। इस दौरान भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा, “पंजाब के इतिहास में यह क्रांतिकारी कदम है। लोगों को अब कार्यालयों में परेशान नहीं होना पड़ेगा और न ही एजेंटों या बिचौलियों से निपटना पड़ेगा, क्योंकि अब शुरू से अंत तक हर जानकारी मोबाइल पर मिलेगी और यह प्रणाली तेज और पारदर्शी होगी।”

इस प्रोजेक्ट की शुरुआत के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि लोगों को जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री के लिए अब स्थानीय सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि वे जिले के किसी भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दस्तावेज तैयार करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1076 के जरिए सेवा सहायकों को घर भी बुलाया जा सकता है। इससे ग्रामीण परिवारों, वरिष्ठ नागरिकों, कामकाजी पेशेवरों और बाहर न जा सकने वालों को बड़ी सुविधा मिलेगी। भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नई प्रणाली के तहत लोगों को रजिस्ट्री के लिए दस्तावेज जमा करने, मंजूरी, भुगतान और कार्यालय आने का समय लेने जैसी सारी जानकारी व्हाट्सएप के जरिए मिलेगी, ताकि वे हर पल की जानकारी से अवगत रह सकें। पंजाब के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि अब अनिश्चितता का दौर खत्म हो गया है, जिससे सिस्टम में लोगों का भरोसा और बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन दस्तावेज जमा करने, डिजिटल तरीके से अग्रिम जांच करने और रजिस्ट्री के लिए सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाने के लिए स्वयं समय चुनने जैसी सुविधाएं होंगी, और किसी भी नागरिक को अब लंबी कतारों में खड़ा होने या कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 48 घंटों में अग्रिम जांच पूरी होगी और रजिस्ट्री के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि रजिस्ट्री पहले से निर्धारित समय पर होगी, जिससे लोगों का समय बचेगा। मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि इस व्यवस्था से एजेंट संस्कृति खत्म हो गई है, क्योंकि अब नकदी के बजाय ऑनलाइन शुल्क भुगतान होगा और रिश्वत मांगने की शिकायत के लिए व्हाट्सएप नंबर शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि सेल डीड का मसौदा स्वयं तैयार करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, सेवा सहायकों के जरिए घर बैठे रजिस्ट्री के दस्तावेज तैयार करने की सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे लोगों को सेल डीड तैयार करने के लिए निजी लोगों या बिचौलियों को मोटी फीस नहीं देनी पड़ेगी।

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