चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले में नए मास्टरमाइंड की हुई पहचान, इन थानों पर हुए धमाकों के भी जुड़े तार

अभिजोत इस समय गुरदासपुर के सेंट्रल जेल में बंद है। एनआईए ने शुक्रवार को चंडीगढ़ जिला अदालत में एक अर्जी दायर कर उसका प्रोडक्शन वारंट हासिल किया है। उसे सात अप्रैल को गुरदासपुर से चंडीगढ़ लाया जाएगा और एनआईए उससे पूछताछ के लिए उसका रिमांड हासिल करने की कोशिश करेगी।
एनआईए ने चंडीगढ़ बम धमाके के मुख्य आरोपितों रोहन और विशाल से तीन मोबाइल बरामद किए थे। उनके मोबाइल से एनआईए को कुछ संदिग्ध डेटा मिला था, जिनमें कुछ वीडियो, वाट्सएप चैट, तस्वीरे और विदेशी मोबाइल नंबर थे।
इस हमले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिटा और अमेरिका रह रहे हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासियां की साजिश का भी पता चला था।
12 दिसंबर 2024 की रात करीब 10.20 बजे बटाला के धनिए के वांगर पुलिस थाने पर हैड ग्रेनेड से हमला हुआ था। इसके बाद 20 दिसंबर को रात करीब साढ़े नौ बजे गुरदासपुर की ‘वडाला बांगर’ पुलिस चौकी पर भी ऐसा ही हमला हुआ था।
इस हमले को पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संगठन ने अभिजोत ही था। हालांकि हमलों के कुछ दिन बाद पंजाब पुलिस ने मुठभेड़ में अभिजीत समेत पांच को गिरफ्तार कर लिया था। उसने अमेरिका बैठे आतंकी हैप्पी पासियां के कहने पर वारदात को अंजाम दिया था।
एनआईए को जांच में पता चला था सेक्टर-10 में जो हमला हुआ था वह पंजाब पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी जसकीरत सिंह चहल पर करवाया गया था। हालांकि चहल पहले इसी कोठी में रहते थे, लेकिन वे काफी पहले घर छोड़ चुके थे। अब यहां गोपेश मल्होत्रा रह रहे थे, जो हमले में बाल-बाल बचे थे।
एनआईए की जांच में सामने आया था कि रोहन और विशाल ने हैप्पी पासिया के इशारे पर सेक्टर-10 की कोठी में हैड ग्रेनेड फेंका था। हमले की जांच चंडीगढ़ पुलिस के पास थी, लेकिन गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए को सौंप दिया गया था।