Haryana News: विधानसभा में फिर उठा इंस्पेक्टर भर्ती का मुद्दा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कही इस्तीफा देने की बात

विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि सरकार पहले ही इस पर जवाब दे चुकी है, लेकिन दोनों तरफ से हंगामा जारी रहा। इसी बीच हुड्डा ने मोर्चा संभाला और कोर्ट का फैसला पढ़कर सुनाते हुए कहा कि इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं है। सरकार ने कोर्ट के फैसले पर गलत टिप्पणी की है।
याचिकाकर्ता लिखित परीक्षा में टॉप आया था लेकिन इंटरव्यू में कम नंबर देकर उसे बाहर कर दिया गया। कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि याचिकाकर्ता यदि इस निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो अपील करना उसका अधिकार है।
आप पर भी कई तरह के आरोप हुड्डा ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप कोर्ट के फैसले पर विधानसभा में चर्चा नहीं कर सकते। आपके खिलाफ भी कई आरोप लगे हैं। हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट है। अगर ऐसे झूठे आरोप लगाने हैं तो मैं सदन से इस्तीफा दे देता हूं।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जो कहना चाहें, कहें। यह व्यवस्था की बात है, किसी के साथ अन्याय हुआ है तो कोर्ट ने उस पर टिप्पणी की है। विवाद तब और बढ़ गया जब परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि हाई कोर्ट का जो फैसला हुड्डा और सीएम ने पढ़कर सुनाया है, उससे स्पष्ट होता है कि हुड्डा ने कुछ प्वाइंट छिपा लिए हैं। अब यह मामला कोर्ट में नहीं चल रहा बल्कि फैसला आ चुका है। इसलिए चर्चा की जा सकती है। काफी हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को शांत करवाकर बिठाया और करीब 15 मिनट बाद सदन की कार्यवाही दोबारा चली।
सीएम ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार, कोर्ट जांच एजेंसी का काम नहीं कर सकता। याचिकाकर्ता के पास कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार है। कमेटी ने अर्जुन राठी और दीपक की हैंडराइटिंग के नमूने की जांच किसी एजेंसी से कराने को कहा है।
सरकार इस पूरे मामले में एडवोकेट जनरल से राय लेगी। अगर कोर्ट के आदेश की अनुपालना में एचएसएससी उनकी हैंड राइटिंग के नमूने लेकर जांच किसी विशेष एजेंसी से करवाना चाहता है तो सरकार तुरंत सेवाएं उपलब्ध कराने को तैयार है।