हरियाणा विधानसभा : बजट सत्र में बिना नेता सदन की कार्यवाही में शामिल हुई कांग्रेस

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस बिना सेनापति के सदन में पहुंची। सत्ता पक्ष के सामने की बेंचों पर बैठे कांग्रेस विधायक अपने हाईकमान के विधायक दल का नेता घोषित नहीं करने संबंधी फैसले से काफी मायूस दिखाई पड़े। कांग्रेस विधायकों को उम्मीद थी कि हाईकमान की ओर से बजट सत्र आरंभ होने से कुछ समय पहले तक विधायक दल के नेता की घोषणा की जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नतीजतन कांग्रेस विधायकों को बिना नेता के सदन की कार्यवाही में शामिल होना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हालांकि कांग्रेस विधायकों के नेता की भूमिका में विधानसभा में नजर आए, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने अभी तक उनके नाम पर मुहर नहीं लगाई है। यह दूसरा मौका है, जब कांग्रेस को बिना विधायक दल के नेता के सदन की कार्यवाही में शामिल होना पड़ा। अक्टूबर में भाजपा की सरकार बनने के बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र हुआ था। उस समय तक भी कांग्रेस विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं हो पाई थी। तब से लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी भी समय विधायक दल का नेता घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने विधायकों के इंतजार की इंतहा कर दी है।
37 में से 30 विधायक हुड्डा समर्थक
कांग्रेस के 37 विधायक विधानसभा में चुनकर आए हैं। इनमें 30 से ज्यादा विधायक हुड्डा समर्थक हैं, लेकिन कांग्रेस के हुड्डा विरोधी नेता नहीं चाहते कि हुड्डा को दोबारा से विधायक दल के नेता की कमान सौंपी जाए। कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद के साथ चर्चा में इन वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें अपनी राय से अवगत भी करा दिया है। कुछ हुड्डा समर्थक विधायक ऐसे भी हैं, जो दिखावे के लिए हुड्डा के साथ हैं, लेकिन वे स्वयं विधायक दल का नेता बनना चाहते हैं। ऐसे नेताओं ने पार्टी प्रभारी के सामने हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाने की पैरवी करने की बजाय स्वयं की पैरवी की है। कांग्रेस के 37 विधायकों में से दो दर्जन से ज्यादा ने हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाए जाने का प्रस्ताव प्रभारी के सामने रखा है। पिछली सरकार में हुड्डा ही विधानसभा में विपक्ष के नेता थे।
कांग्रेस प्रभारी हाईकमान को सौंप चुके हैं रिपोर्ट
कांग्रेस प्रभारी अपनी रिपोर्ट राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप चुके हैं। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान को उम्मीद है कि राहुल गांधी की व्यस्तता की वजह से अभी विधायक दल के नेता के नाम पर फैसला नहीं हो पाया है। संभावना है कि होली तक विधायक दल के नेता का फैसला हो जाएगा। कांग्रेस विधायक दल का नेता ही विधानसभा में विपक्ष का नेता होगा। उदयभान के अनुसार कांग्रेस को इसी बजट सत्र के दौरान विधायक दल और विपक्ष का नेता मिलने की पूरी संभावना जताई जा सकती है।