डांस, ड्रामा और ड्राइंग… हरियाणा के स्कूलों में नई शिक्षा नीति के तहत बदले पढ़ाई के तौर-तरीके, सिलेबस भी चेंज

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अब प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को डांस, ड्रामा और ड्राइंग सिखाई जाएगी। खेल-खेल में पहेलियों के माध्यम से बच्चों की बौद्धिक क्षमता विकसित की जाएगी। नई शिक्षा नीति के तहत पहली, दूसरी, तीसरी व छठी कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है, ताकि छात्रों को आसानी से पाठ समझाया जा सके।
प्राइमरी कक्षाओं में बदला हुए सिलेबस पहली अप्रैल से शुरू हो रहे नए शैक्षिक सत्र में लागू हो जाएगा। नए सत्र में पहली, दूसरी, तीसरी और छठी कक्षा के बच्चों को नए पाठ्यक्रम पर आधारित पुस्तकें मिलेंगी।
इन किताबों को बच्चों की रुचि के अनुसार तैयार किया गया है, ताकि वे और बेहतर तरीके से पढ़ाई कर पाएं। नई किताबों को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि बच्चों को आपस में चर्चा करने और एक-दूसरे से सीखने का मौका मिलेगा।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की मदद से तैयार गणित की किताबों के दो पार्ट किए गए हैं। वर्ष के पहले छह महीने में पार्ट वन व दूसरे छह महीने में पार्ट टू पढ़ाया जाएगा। किताबों के साथ क्यूआर कोड भी लगाए जाएंगे ताकि शिक्षा विभाग को कोई बदलाव करना हो या कुछ नई जानकारी जोड़नी हो या कोई गलती हो तो उसे सुधारने में आसानी हो।
पाठ्यक्रम में दो नई किताबें फिजिकल एजुकेशन एवं आर्ट एजुकेशन की भी जोड़ी गई हैं। फिलहाल यह किताबें अध्यापकों को ही दी जाएंगी जिसके आधार पर अध्यापक बच्चों को अनिवार्य रूप से विभिन्न गतिविधियां कराएंगे।
इन विषयों के अलग से पीरियड भी लगेंगे। प्राथमिक स्कूलों में पहले आर्ट एजुकेशन को कभी पढ़ाई में शामिल नहीं किया गया, लेकिन अब यह विषय एक जरूरी विषय के रूप में लागू किया जाएगा।