‘विदेशी आकाओं की भाषा बोलना बंद करें’, सोनिया गांधी के राष्ट्रपति मुर्मु पर बयान से भड़के जेपी नड्डा

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कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी की पुअर लेडी वाली टिप्पणी ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है. इसको लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि इस तरह से शब्दों का इस्तेमाल करना बेहद अपमानजनक है और तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए विदेशी आकाओं की भाषा बोलना बंद करना चाहिए.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति के लिए “पुअर” शब्द का इस्तेमाल करना बेहद अपमानजनक है और यह सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा के प्रति विपक्ष की निरंतर उपेक्षा को दर्शाता है. दुर्भाग्य से यह कोई अकेली घटना नहीं है. जब राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लाए गए बदलाव और सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाल रही थी, तब विपक्ष ने अपनी सामंती मानसिकता से प्रेरित होकर पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण का मजाक उड़ाना चुना.”

‘भारत की प्रगति का जश्न मनाने पर होना चाहिए ध्यान’

उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण का उदाहरण देते हुए कहा कि आज का ध्यान भारत की उल्लेखनीय प्रगति का जश्न मनाने पर होना चाहिए था, जैसा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में रेखांकित किया गया है:

1. तेजी से अस्थिर होते विश्व में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता के एक स्तंभ के रूप में भारत का उदय, एक वैश्विक उदाहरण स्थापित करना.

2. महिला-नेतृत्व विकास, यह सुनिश्चित करना कि महिलाएं राष्ट्र की प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाएं.

3. आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा.

4. प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार, जिसका उद्देश्य अतिरिक्त तीन करोड़ परिवारों को नए घर उपलब्ध कराना तथा सभी के लिए आवास सुनिश्चित करना है.

5. पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से सात दशकों में पहली बार स्ट्रीट वेंडर्स और छोटे दुकानदारों को बैंकिंग प्रणाली में शामिल किया गया.

6. भारत के युवा स्टार्टअप और खेल से लेकर अंतरिक्ष अन्वेषण तक के क्षेत्रों में राष्ट्र को गौरवान्वित कर रहे हैं.

‘विदेशी आकाओं की भाषा बोलना बंद करें’

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “तुच्छ राजनीतिक लाभ के लि विपक्ष ने बार-बार संवैधानिक मानदंडों के प्रति घोर उपेक्षा दिखाई है, बाबासाहेब अंबेडकर के प्रति अनादर की अपनी विरासत को असम्मानजनक तरीके से आगे बढ़ाया है. शायद अब समय आ गया है कि विपक्ष देश के सर्वोच्च पद का बार-बार अपमान करने के बजाय लोकतंत्र के मंदिर में सार्थक चर्चाओं पर ध्यान केंद्रित करे. उन्हें देश की कीमत पर खुद को समृद्ध करते हुए विदेशी कठपुतली आकाओं की भाषा बोलना बंद करना चाहिए.”

सोनिया गांधी ने क्या कहा था?

दरअसल, संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने कहा कि वो (राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु) अपने संबोधन के आखिर तक थक गईं थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी

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