ऐशो-आराम की जिंदगी, आलीशान मकान… फिर भी ले रहे थे BPL का मजा; आय छिपाने वालों पर हरियाणा सरकार ने कसा शिकंजा
परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में कई लोगों ने अपनी आय कम दिखा रखी है। बकायदा बीपीएल का लाभ भी ले रहे हैं। कुछ लोगों के पास दो से तीन मंजिला मकान है और कुछ जमीन जायदाद के मालिक है। फिर भी बीपीएल एवं अन्य सरकारी योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं।
अब सरकार की ओर से पीपीपी की वेरिफिकेशन शुरू हो चुकी है। प्राथमिक जांच सर्वे में पाया है कि किसी का दो मंजिला मकान है, तो किसी के घर में महंगा पालतू कुत्ता भी है। अगर पीपीपी में आय की बात करें तो 1.80 लाख रुपये से कम दिखा रखी है।
एडीसी कार्यालय को इसकी रिपोर्ट सौंपी गई है। ऐसे में जिला फूड सप्लाई कंट्रोलर (डीएफएससी) व जिला समाज कल्याण (डीएसडब्ल्यू) को इन केसों की रिपोर्ट भेजी गई है, ताकि सही जांच हो सके। कहीं यह अन्य योजना का लाभ तो नहीं ले रहे।
जानकारी के अनुसार करीब छह ऐसे केस मिले हैं, जिनकी रिपोर्ट हैरान कर देने वाली है। आलीशान जीवनयापन करने वाले भी बीपीएल सूची में शामिल है। इन केसों की दोनों विभागों की ओर से जांच की जाएगा। इसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जानकारी के अनुसार करीब छह ऐसे केस मिले हैं, जिनकी रिपोर्ट हैरान कर देने वाली है। आलीशान जीवनयापन करने वाले भी बीपीएल सूची में शामिल है। इन केसों की दोनों विभागों की ओर से जांच की जाएगा। इसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इस समय सरकार व जिला प्रशासन भी सख्त मूड में हैं। अब सरकार की ओर से पीपीपी की वेरिफिकेशन शुरू हो चुकी है। एरिया वाइज हर रोज रैंडमली पांच से सात पीपीपी की सूची बनाकर जांच की जा रही है कि वह बीपीएल के लिए पात्र है या नहीं।
जब वेरिफिकेशन के लिए टीम बीपीएल धारकों के घर जाती है, तो लोग सही नहीं देते। लोगों में डर है कि कहीं बीपीएल न कट जाए। टीम के घर आने पर पूरी जानकारी नहीं देते और न ही दस्तावेज जांच करवाते। इसलिए वेरिफिकेशन करने में भी दिक्कत आ रही है। प्रशासन की जो वेरिफिकेशन की प्रक्रिया है, वह धीमी गति से हैं। जिले में बीपीएल कार्डधारकों की संख्या 3,54,736 है।
हर गांव या शहर में राशन डिपो है और लोग राशन लेने इनके पास आते हैं। डिपो संचालकों को उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी होती है। अगर डिपो संचालकों से सही सटीक जानकारी आए, तो जल्द जांच पूरी हो सकती है। मगर सूचना नहीं आ रही। आलम है कि असल जरूरतमंद किसी न किसी कारण से बीपीएल से वंचित है। पीपीपी में गलत आय दर्ज होने से लाभ नहीं मिल रहा।
जब वेरिफिकेशन के लिए टीम बीपीएल धारकों के घर जाती है, तो लोग सही नहीं देते। लोगों में डर है कि कहीं बीपीएल न कट जाए। टीम के घर आने पर पूरी जानकारी नहीं देते और न ही दस्तावेज जांच करवाते। इसलिए वेरिफिकेशन करने में भी दिक्कत आ रही है। प्रशासन की जो वेरिफिकेशन की प्रक्रिया है, वह धीमी गति से हैं। जिले में बीपीएल कार्डधारकों की संख्या 3,54,736 है।
हर गांव या शहर में राशन डिपो है और लोग राशन लेने इनके पास आते हैं। डिपो संचालकों को उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी होती है। अगर डिपो संचालकों से सही सटीक जानकारी आए, तो जल्द जांच पूरी हो सकती है। मगर सूचना नहीं आ रही। आलम है कि असल जरूरतमंद किसी न किसी कारण से बीपीएल से वंचित है। पीपीपी में गलत आय दर्ज होने से लाभ नहीं मिल रहा।
RAGA NEWS ZONE
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