डेराबस्सी के पूर्व विधायक एन.के.शर्मा ने जिला प्रशासन द्वारा जीरकपुर नगर परिषद के पैसे की फिजूलखर्ची कि की आलोचना
डेराबस्सी के पूर्व विधायक एन.के.शर्मा ने जिला प्रशासन द्वारा जीरकपुर नगर परिषद के पैसे की फिजूलखर्ची कि की आलोचना
शहर के रुके विकास कार्यों में फंड के दुरुपयोग को लेकर श्रोमणि अकाली दल के 8 पार्षदों ने बुधवार को डी.सी. से करेंगे मुलाकात
जीरकपुर, मुकेश चौहान
शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व विधायक और श्रोमणि अकाली दल (बादल) के कैशियर एन.के. शर्मा ने डेराबस्सी विधानसभा के लोगों को नववर्ष 2025 के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीरकपुर की जनता ने शहर के विकास के लिए सरकार को टैक्स के रूप में जो पैसा दिया जा रहा है है, उसे राजनीतिक संरक्षण में नगर परिषद और जिले के अधिकारी फिजूलखर्ची कर बर्बाद कर रहे हैं।
उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस गंभीर मुद्दे को लेकर शिरोमणि अकाली दल से संबंधित 8 पार्षद बुधवार को मोहाली से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा उल्लेखनीय है कि जीरकपुर नगर परिषद में 30 चुने हुए पार्षद होने के बावजूद करदाताओं का पैसा बिना किसी परामर्श और योजना के खुर्द-बुर्द किया जा रहा है, जो डेराबस्सी विधानसभा क्षेत्र के निवासियों के लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि श्रोमणि अकाली दल ने अपने 10 साल के शासन के दौरान जिस जीरकपुर शहर को विश्व मानचित्र पर लाया था, वह पिछले (कांग्रेस के 5 साल और आम आदमी पार्टी के 2 साल) 7 साल के शासन में पटरी से उतर गया है। उन्होंने कहा कि जीरकपुर नगर परिषद के पैसे की बर्बादी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 300 मीटर की दो इंटरलॉक्ड सड़कों के निर्माण में भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा खर्च किए गए पैसे में 57 लाख का अंतर है। उन्होंने कहा कि हमारे वार्ड नंबर 20 के पार्षद तजिंदर सिंह तेजी सिद्धू के वार्ड में स्काईनेट एन्क्लेव से विश्वकर्मा भवन तक 300 मीटर की सड़क 23 लाख में बनाई गई, जबकि विश्वकर्मा भवन से पटियाला रोड तक इतनी ही लंबाई की सड़क की लागत 80 लाख दिखाया गया है।
उन्होंने कहा कि सीवरेज सफाई पर 5 करोड़ बर्बाद किए गए, नाभा साहिब से वीआईपी रोड तक जाने वाली सड़क पर लगी घटिया इंटरलॉक टाइलें 6 महीने में ही टूटने लगी हैं। प्रेस वार्ता के दौरान एन.के. शर्मा ने राजनीतिक संरक्षण के तहत प्रशासन से कर का पैसा लूटने के घृणित कृत्यों पर निराशा व्यक्त की और उनसे करदाताओं के पैसे के प्रति अधिक जिम्मेदार होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ”प्रशासन को लोगों की मेहनत की कमाई बर्बाद करते देखना निराशाजनक है।
उन्होंने कहा कि जीरकपुर नगर परिषद में अध्यक्ष के अलावा चुने हुए 30 पार्षदों की सहमति से ही क्षेत्र के विकास के लिए फंड का इस्तेमाल होना चाहिए था, लेकिन अध्यक्ष द्वारा अपनी कुर्सी बचाने के लिए कोर्ट में केस दायर करने के बाद प्रशासक नियुक्त होने के बाद पिछले 8 महीनों में चुने हुए पार्षदों की एक भी बैठक नहीं बुलाई गई और न ही शहर के विकास को लेकर कोई चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ” शिरोमणि अकाली लोगों की जरूरतों के प्रति स्पष्ट उपेक्षा और जवाबदेही की कमी देखता है।” एन.के शर्मा ने प्रशासन पर खर्चे में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने जोर देकर कहा कि डेराबस्सी के लोग यह जानने के हकदार हैं कि उनके टैक्स के पैसे का उपयोग कैसे किया जा रहा है और धन के किसी भी दुरुपयोग या बर्बादी के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ” वह एक पूर्व विधायक और निर्वाचन क्षेत्र के संरक्षक के रूप में, व्यक्तिगत रूप में इस तरह के फिजूलखर्ची के खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे और डेराबस्सी के लोगों के लिए सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम करता रहूंगा।”