भगवंत मान के जिले में सबसे ज्यादा पराली जलाई गई, प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा मामले, हवाएं हुईं जहरीली
दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब की हवाएं काफी प्रदूषित हो चुकी हैं। आंकड़े भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं। कई जगह लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सरकार प्रदूषण कम करने के उपयों पर काम कर रही है। दूसरी ओर पंजाब से एक आंकड़े सामने आए हैं। इस सीजन में यहां पराली जलाने की घटनाएं बुधवार को 10 हजार के पार पहुंच गए। सूबे के पांच शहरों का एक्यूआई खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के जिले संगरूर से सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।
पंजाब में इस सीजन के दौरान 18 नवंबर तक पराली जलाने के 1647 मामलों के साथ सीएम का जिला संगरूर सबसे आगे है। फिरोजपुर 1189 मामलों के दूसरे, तरनतारन 802 मामलों के साथ तीसरे, 703 मामलों के साथ अमृतसर चौथे नंबर पर है। बठिंडा में पराली जलाने के कुल मामले 670, मुक्तसर में 668, मोगा में 596, मानसा में 560, पटियाला में 536, फरीदकोट में 470, कपूरथला में 321, लुधियाना में 246, फाजिल्का में 233 पराली जलाने के मामले हो चुके हैं।
पंजाब में बुधवार को पराली जलाने के 179 नए मामले आए। इससे अब इस सीजन के दौरान कुल मामले बढ़कर 10,104 हो गए हैं। बुधवार को सबसे अधिक 26-26 मामले जिला फिरोजपुर व संगरूर से सामने आए। पराली जलाने के 20 मामले मुक्तसर, 15 तरनतारन में, 14 फरीदकोट में, फाजिल्का में 10, मोगा में 9, जालंधर, लुधियाना, बठिंडा व बरनाला में आठ-आठ मामले, मानसा में पांच, मालेरकोटला व कपूरथला में चार-चार, अमृतसर में तीन व पटियाला में दो मामले आए। गुरदासपुर व एसबीएस नगर में एक-एक मामला सामने आया।
इन जिलों में सबसे ज्यादा खराब हवा
जिले | एक्यूआई |
अमृतसर | 251 |
जालंधर | 251 |
लुधियाना | 246 |
मंडी गोबिंदगढ़ | 243 |
पटियाला | 214 |
बठिंडा | 122 |
खन्ना | 148 |
रूपनगर | 115 |
30 नवंबर तक की जाएगी मॉनीटरिंग
पीपीसीबी (PPCB) के चेयरमैन आदर्श पाल विग के मुताबिक 30 नवंबर तक पंजाब में पराली जलने के मामलों की मॉनीटरिंग की जानी है। अब पराली जलाने के मामले कम होना शुरू हो गए हैं। इस बार पिछले सालों के मुकाबले करीब 70 फीसदी मामले कम रहने का संभावना है। यह सब विभिन्न विभागों के मुलाजिमों व अधिकारियों की मेहनत का नतीजा है। किसान भी आगे की तुलना में जागरूक हुए हैं। आने वालों कुछ सालों में पंजाब में पराली जलनी बंद होगी, इसकी पूरी उम्मीद है।