बजट 2024: रेलवे के साधारण कोचों को ‘वंदे भारत’ में बदला जाएगा! क्या यात्रियों को किराये में मिलेगी राहत?

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संसद में आम बजट पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में जनता अभी से ही इसमें होने वाली घोषणाओं को लेकर अटकलें लगाने लगी है। सभी को वित्त मंत्री से राहत की उम्मीद है. रोजाना ट्रेन से सफर करने वाले महेश कश्यप भी चाहते हैं कि सरकार अन्य क्षेत्रों की तरह रेलवे पर भी अपना फोकस बढ़ाए. यात्री सुरक्षा और किराया कटौती के संबंध में विशेष घोषणाएं की जानी चाहिए। महेश की यह उम्मीद कितनी पूरी होती है यह तो बजट के दिन ही पता चलेगा लेकिन आइए एक नजर डालते हैं कि रेलवे के विकास के लिए सरकार की क्या योजना है।

पिछले कुछ समय से सरकार ट्रेन के साधारण डिब्बों को वंदे भारत में बदलने पर जोर दे रही है. इस साल की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में 40,000 जनरल रेल डिब्बों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप बदलने की बात कही थी. सरकार का इस ओर झुकाव साल 2024-25 के बजट में भी दिख सकता है. सरकार का मानना है कि इससे यात्रियों को यात्रा के दौरान बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही दूरी तय करने में भी कम समय लगेगा.

 

यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी

सरकार जनरल डिब्बों में भीड़भाड़ कम करने और ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेल नेटवर्क के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके अलावा प्रौद्योगिकी के उचित उपयोग पर भी जोर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, आगामी बजट में यात्रियों की सुरक्षा को सबसे पहले रखा जाएगा. इससे रेलवे की क्षमता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर फंड आवंटित किया जा सकेगा. अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि सरकार की पाइपलाइन में 11 लाख करोड़ रुपये से रेल कॉरिडोर बनाया जाएगा.

वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में रेलवे नेटवर्क पर यात्री क्षमता और सुरक्षा बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, 24 घंटे के भीतर टिकट रिफंड योजना शुरू करने, रेलवे सेवाओं के लिए एक व्यापक सुपर ऐप विकसित करने और तीन कॉरिडोर स्थापित करने पर भी काम किया जाएगा।

कोरोना काल से पहले वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट पर 50 फीसदी तक की छूट मिलती थी, लेकिन 2019 के अंत से यह सुविधा बंद कर दी गई. वरिष्ठ नागरिक सरकार से कोविड काल खत्म होने के बाद किराए में छूट बहाल करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा महिलाओं, छात्रों आदि के लिए किराये में रियायत देने की भी मांग की गई है. कानपुर के रहने वाले पंकज का कहना है कि उन्हें काम के सिलसिले में अक्सर दिल्ली जाना पड़ता है, लेकिन एसी कोच का किराया काफी महंगा हो रहा है, जिससे उनका बजट बिगड़ रहा है. उनकी अपील है कि केंद्र सरकार को इस साल के बजट में किराये में कटौती की घोषणा करनी चाहिए.

 

 

 

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