विश्व सेल्फी दिवस: दुनिया की पहली सेल्फी किसने ली थी? 185 साल पुराना इतिहास
दुनिया की पहली सेल्फी: इन दिनों सेल्फी का क्रेज हर किसी के सिर चढ़कर बोल रहा है। युवाओं से लेकर बूढ़ों तक, हर कोई स्मार्टफोन के कैमरे से अपनी तस्वीरें खींच रहा है और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहा है। सेल्फी अब केवल तस्वीरें लेने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आत्म-अभिव्यक्ति और आत्म-प्रेम का एक महत्वपूर्ण साधन बन गई है। लोग अपनी बेहतरीन सेल्फी लेने के लिए नए-नए पोज और एंगल ट्राई करते हैं। सेल्फी का यह क्रेज इतना बढ़ गया है कि हर साल 21 जून को विश्व सेल्फी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विश्व सेल्फी दिवस पर लोग अपनी सेल्फी सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं और सेल्फी लेकर जश्न मनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे पहली सेल्फी किसने ली थी? ज्यादातर लोग सोचते हैं कि सेल्फी का चलन तब शुरू हुआ जब स्मार्टफोन का चलन शुरू हुआ। जबकि सच्चाई ये है कि सेल्फी का इतिहास उससे भी बहुत पुराना है.
दुनिया की पहली सेल्फी
सेल्फी के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि इसकी शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी. 1839 में, एक अमेरिकी रसायनज्ञ, रॉबर्ट कॉर्नेलियस ने डागुएरियोटाइप नामक एक नई फोटोग्राफी तकनीक का उपयोग करके दुनिया की पहली सेल्फी ली थी। फ़िलाडेल्फ़िया में, उन्होंने कैमरा सेट किया और अपना फ़ोटो लेने के लिए कैमरे के फ़्रेम तक दौड़े। इस तरह दुनिया को मिली पहली ‘सेल्फी’.

दुनिया की पहली सेल्फी रॉबर्ट कॉर्नेलियस ने ली थी। (रॉबर्ट कॉर्नेलियस/गेटी इमेजेज़)
यह तस्वीर, जिसे “दुनिया की पहली सेल्फी” के रूप में जाना जाता है, धुंधली और काली-सफ़ेद है, लेकिन यह एक ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाती है। सेल्फी का चलन 19वीं सदी में शुरू हुआ, लेकिन 21वीं सदी में स्मार्टफोन के आगमन के साथ यह तेजी से लोकप्रिय हो गया। आज, सेल्फी दुनिया भर के लोगों के लिए खुद को अभिव्यक्त करने और अपनी यादें साझा करने का एक लोकप्रिय तरीका बन गया है।
