गर्मी में बेहोश होने वाले शख्स को भूलकर भी न पिलाएं पानी, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
मई के शुरू होते ही गर्मी अपने तेवर दिखाने लगी है। हीटवेव की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं। कई राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। ऐसे में खुद को कूल और हाइड्रेट रखने की कोशिश करें। गर्मी और धूप में निकलने से डिहाइड्रेशन के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। हीटवेव के प्रकोप को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हर रोज गाइडलाइन जारी की जा रही हैं। बीट द हीट के साथ कई तरह के एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है। जानिए गर्मी में कैसे रखें सेहत का ख्याल और किन चीजों से बचें?
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से किए गए ट्वीट में लोगों को हीटवेव से बचने की सलाह दी हई है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने लोगों को हीटवेव से बचने के लिए तैयार करने को कहा है। गर्मी के कारण घबराहट महसूस हो तो तुरंत शरीर को कूलडाउन करने की कोशिश करें। खुद को हाइड्रेट रखें और ज्यादा से ज्यादा पानी पीते रहें। गर्मी में स्वस्थ रहने के लिए पानी पीते रहें, लूज फिट कपड़े पहने, घर या ठंडी जगहों पर ही रहें, तेज धूप में नहीं निकलने की सलाह दी गई है। अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है तो उसे तुरंत पानी नहीं पिलाने के निर्देश दिए गए हैं।
एक्सपर्ट्स की सलाह है कि अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है तो उसे पानी निगलने में परेशानी होती है। इस कंडीशन में पानी पेट में जाने की बजाय कई बार लंग्स में जा सकता है। इससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। बेहोश होने पर पानी पिलाने से जब पानी फेफड़ों में जाता है तो निमोनिया होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
जब आप बेहोश व्यक्ति को पानी या किसी तरह का लिक्विड गलत तरीके से पिलाते हैं तो इससे ब्लड स्ट्रीम में इलेक्ट्राइट्स का बैलेंस बिगड़ सकता है। ऐसी स्थिति हार्ट सबंधी परेशानियां पैदा कर सकती है। इससे व्यक्ति के बेहोश होने की वजह का पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है।
डॉक्टर की मानें तो अगर को इंसान बेहोश हो जाता है तो इस इमरजेंसी सिचुएशन में पीड़ित के सिर को धीरे से एक साइड झुकाएं और ठुड्डी को ऊपर की ओर उठाएं। इससे सांस लेने का रास्ता खुला रहेगा। सांस नहीं आने पर इसे रिकवरी पोजीशन कहा जाता है। अगर बेहोशी के साथ उल्टी भी हो रही हैं तो इस स्थिति में व्यक्ति का दम घुटने से बचता है। चेक करें कि बेहोश व्यक्ति सांस ले रहा है या नहीं। अगर सांस नहीं आ रही तो तुरंत सीपीआर देने की कोशिश करें और हॉस्पिटल लेकर जाएं।