Holika Pujan : होलिका पूजन में क्या-क्या चढ़ाएं, कैसे करें पूजा, कौन-सा मंत्र बोलें, कब करें दहन? जानें पूरी डिटेल
जानें होलिका पूजन से जुड़ी हर बात
धर्म ग्रंथों में फाल्गुन मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन होलिका दहन करने की परंपरा है। ये हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इस पर्व से अनेक मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हैं, जो इसे और भी खास बनाती हैं। इस बार होलिका दहन मार्च के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। हमेशा की तरह इस बार भी होलिका दहन पर भद्रा का संयोग भी बन रहा है। आगे जानिए होलिका पूजन की विधि और दहन के शुभ मुहूर्त…
कब करें होलिका पूजन 2024?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा 24 मार्च, रविवार की सुबह 09:55 से शुरू होगी, जो रात 12:30 तक रहेगी। चूंकि होलिका पूजन पूर्णिमा तिथि के संयोग में शाम को होता है, इसलिए 24 मार्च की शाम को ही होलिका पूजन किया जाएगा।
होलिका पूजन 2024 शुभ मुहूर्त
विद्वानों के अनुसार, होलिका पूजन फाल्गुन पूर्णिमा की शाम को प्रदोष काल में करना चाहिए। प्रदोष काल सूर्यास्त के पहले 45 मिनिट और बाद के 45 मिनिट को कहते हैं। 24 मार्च, रविवार को प्रदोष काल शाम 5 बजकर 50 मिनिट से 7 बजकर 20 मिनिट तक रहेगा। इस दौरान होलिका पूजन करना शुभ रहेगा।
होलिका पूजन के लिए आवश्यक सामग्री
कुमकुम, रोली, अबीर, मेहंदी, चावल, हार-फूल, बड़कुले (छोटे-छोटे उपलों की माला), साबूत हल्दी, मूंग, बताशे, नारियल, कच्चा सूत, जल से भरा कलश आदि।
इस विधि से करें होलिका पूजन
– शुभ मुहूर्त में होलिका पूजन शुभ करें। इसके लिए सबसे पहले हाथ में पानी और चावल पूजन का संकल्प लें। इसेक बाद भगवान श्रीगणेश का ध्यान कर ये मंत्र बोलें-
ऊं गं गणपतये नम: आह्वानार्र्थे पंचोपचार गंधाक्षतपुष्पाणि समर्पयामि।।
– इसके बाद भगवान नृसिंह का ध्यान करते हुए चावल व फूल चढ़ाएं और ये मंत्र बोलें- ऊं नृसिंहाय नम: आह्वानार्थे पंचोपचार गंधाक्षतपुष्पाणि समर्पयामि।।
– इसके बाद प्रह्लाद का स्मरण करते करते चावल और फूल चढ़ाएं और ये मंत्र बोलें-
ऊं प्रह्लादाय नम: आह्वानार्थे पंचोपचार गंधाक्षतपुष्पाणि समर्पयामि।।
– अब होलिका पर अबीर, रोली, कुमकुम, चावल, फूल, साबूत मूंग, साबूत हल्दी, नारियल एवं बड़कुले (भरभोलिए) चढाएं।
– इसके बाद होलिका पर कच्चा सूत बांधें और हाथ जोड़कर 7 परिक्रमा करें। परिक्रमा के बाद लोटे में भरा पानी वहीं चढ़ा दें।
ये है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों के अनुसार, होलिका दहन भद्रा के बाद ही करना चाहिए। 24 मार्च को भद्रा रात 11:13 तक रहेगी। इसके बाद होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:13 से 12:27 तक रहेगा यानी पूरे 01 घण्टा 14 मिनट।