वारदात में इस शख्स का था बड़ा रोल , संसद की सुरक्षा में चूक मामले में 2 लोग और हिरासत में लिए गए
संसद की सुरक्षा में चूक मामले में दिल्ली पुलिस ने दो और लोगों को हिरासत में लिया है। इन दोनों पर आरोपियों के साथ मिले होने का शक है। इन दोनो से स्पेशल सेल की टीमें पूछताछ कर रही हैं। इन पर आरोपियों के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट देने की भी बात कही जा रही है। स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट इन दोनों लोगों से पूछताछ कर रही है। हिरासत में लिए गए दोनों शख्त के नाम महेश और कैलाश हैं। महेश राजस्थान का रहने वाला है। ये भी भगत सिंह संगठन से जुड़ा हुआ है। महेश भी संसद में हंगामा करने के मकसद से आने वाला था लेकिन किसी कारणवश नहीं आया था।
दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि संसद में सेंधमारी की घटना को अंजाम देने में महेश नाम का शख्स भी शामिल था। आरोपी ललित झा ने महेश के साथ थाने में सरेंडर किया है। जो साज़िश रची गई उसमें ललित झा और महेश का बड़ा रोल था। महेश राजस्थान के नागौर जिले का रहने वाला है जोकि मजदूरी करता है। महेश की कई बार आरोपी महिला नीलम से भी बात होती थी। इन सबकी मुलाकात भगत सिंह फैन क्लब पेज पर हुई थी।
मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी महेश को भी 13 दिसंबर को संसद में हंगामा वाली घटना में शामिल होना था। लेकिन फिर बाद ये ये तय हुआ की जब घटना को अंजाम देकर फरार होना होगा तो शय देने के लिए कौन होगा। इसके बाद ही ये तय हुआ की महेश यहीं नागौर में ही रहेगा। जब ये लोग फरार होकर आएंगे तो रुकने का इंतजाम महेश करेगा। इसके बाद महेश का दिल्ली आना कैंसिल हो गया। जब घटना को अंजाम देने के बाद अन्य आरोपी 13 दिसम्बर की रात दिल्ली से नागौर बस से पहुंचे तो महेश ने होटल में रुकने का इंतजाम करवाया। फिर जब इनको लगा की पुलिस इनको ढूंढ रही है तो ये लोग नागौर से दिल्ली आ गए और थाने में सरेंडर कर दिया।
सुरक्षा में सुरक्षा चूक की घटना के सिलसिले में पुलिस चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे और नीलम के रुप में की गई है। ये सभी आरोपी सात दिन की पुलिस रिमांड पर हैं।
बता दें कि सागर शर्मा और मनोरंजन डी नामक दो युवक बुधवार को शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने ‘केन’ से पीला धुआं फैलाते हुए नारेबाज़ी की। हालांकि सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने ‘केन’ से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगाए। यह घटना 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले की बरसी के दिन हुई। लोकसभा सचिवालय ने संसद में सुरक्षा चूक के मामले आठ सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया है।