प्लॉट खरीद मामले में शराब कारोबारी जुगनू और सीए संजीव भी नामजद, विजिलेंस ने मनप्रीत बादल 20 को बुलाया
बठिंडा: बोले पंजाब ब्यूरो: बीजेपी नेता और पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की मिलीभगत से प्लॉट खरीद मामले में सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने के मामले में अब विजिलेंस ब्यूरो ने शराब कारोबारी जसविंदर सिंह उर्फ जुगनू और सीए संजीव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. पुड्डा पदाधिकारियों का नामांकन भी हुआ। हालांकि, नॉमिनेट होने के बाद दोनों की ओर से कोर्ट में दायर की गई अग्रिम जमानत अर्जी पर बठिंडा कोर्ट ने अंतरिम जमानत देकर बड़ी राहत दी है.
अब इस जमानत अर्जी पर अगली सुनवाई 23 नवंबर को दोबारा होगी. इस मामले में ये दोनों पहले शख्स हैं जिन्हें बठिंडा कोर्ट से जमानत मिली, जबकि बाकी लोगों को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट जाना पड़ा. ठेकेदार जुगनू के वकील कर्मिंदर सिंह सोढ़ी और सीए संजीव कुमार के वकील हरराज सिंह चन्नू ने दावा किया कि ‘विजिलेंस ने जानबूझकर उनके मुवक्किल का गलत नाम इस मामले में शामिल किया है, क्योंकि इस पूरे मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है. एडवोकेट चन्नू ने कहा कि एक वकील या सीए अपने ग्राहकों के लिए पेशेवर तरीके से काम करता है और अगर संजीव मित्तल ने मनप्रीत बादल के प्लॉट की बोली के लिए अपनी सेवाएं दी हैं तो यह कोई अपराध नहीं है।
विजिलेंस अधिकारियों का दावा है कि इस मामले की जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि मनप्रीत बादल के प्लॉट की बोली जुगनू के ऑफिस से संजीव कुमार ने दी थी. इस मामले में गिरफ्तार किए गए विकास, राजीव और अमनदीप ने स्वीकार किया था कि उन्होंने उक्त ठेकेदार के कहने पर ही तत्कालीन मंत्री के प्लॉट की बोली लगाई थी. इसके अलावा इस मामले में सीए संजीव कुमार की भी मिलीभगत का दावा किया गया है.