शांति का सन्देश देने पहुंचे प्रेम रावत जी ने एग्जीबिशन ग्राउंड, सेक्टर 34 बी, चंडीगढ़ में एक विशाल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि केवल शांति-शांति कहने से शांति नहीं मिलेगी।
अनंत को जानना संभव है प्रेम रावत
केवल शांति-शांति कहने से शांति नहीं मिलेगी।
आपके आनंद का स्रोत आपके अंदर है।
आप सभी बहुत भाग्यशाली हैं।
शांति का सन्देश देने पहुंचे प्रेम रावत जी ने एग्जीबिशन ग्राउंड, सेक्टर 34 बी, चंडीगढ़ में एक विशाल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि केवल शांति-शांति कहने से शांति नहीं मिलेगी। शांति मनुष्य की असली जरूरत है और इस जरूरत को पूरा करना हमारे लिए बहुत जरूरी है। इस कार्यक्रम में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और आसपास के क्षेत्र से हजारों लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके अलावा 100 से अधिक दिव्यांग विद्यार्थी, जो बोल और सुन नहीं सकते हैं, उन्होंने भी अपने अनुवादक की सहायता से प्रेम रावत को सुना।
प्रेम रावत जी ने कहा कि वो अविनाशी जो सब जगह है वो आपके अंदर भी है। आपके आनंद का स्रोत आपके अंदर है। अंदर के अनंत के सागर की एक बूँद को चख लिया तो पूरे अनंत का अनुभव कर लिया। प्रेम रावत का यह महत्वपूर्ण सन्देश है कि शांति हर एक मनुष्य की बुनियादी जरूरत है। शांति हर मनुष्य के लिए संभव है। जिस दिन हर स्वांस के लिए आभार समझ जायेंगे उस दिन आप जीना सीख जायेंगे।
आज जो कुछ भी संसार में हो रहा है, वह मानव के अंदर से असंतुष्ट होने का ही परिणाम है। इन सब
का अंत तभी सम्भव है. जब मनुष्य मानवता को अपनाये।
हाल ही में प्रकाशित हुई उनकी पुस्तक स्वयं की आवाज़’ के लिए उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड सम्मान से नवाज़ा गया है। इसका अंग्रेजी संस्करण ‘हियर योरसेल्फ’ द न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्टसेलर बुक रही है।
कई सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा प्रेम रावत को शांति दूत’ की मानद उपाधि से सम्मानित
किया गया है। वे विश्व स्तर पर श्रोताओं को इस दिशा में निरंतर प्रेरणा प्रदान करते हैं। 2012 में उन्हें
एशिया पैसिफिक ब्रान्ड लॉरियट द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें प्रति वर्ष कार्यक्रमों को सम्बोधित करने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आमंत्रित किया जाता है। इनमें अनेक प्रतिष्ठित संस्थान जैसे यूरोपियन संसद, यूनाइटेड नेशन्स, यूनाइटेड किंग्डम, ऑस्ट्रेलिया और इटली की संसद और कई विश्वविद्यालय जैसे हॉरवर्ड व ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, आई आई टी दिल्ली, इनफोसिस और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद आदि शामिल हैं।
उन्होंने कैदियों की जिंदगी में सुधार लाने और अपराध को कम करने के उद्देश्य से कई जेलों में भी कार्यक्रम किये हैं जैसे दिल्ली में तिहाड जेल, लखनऊ में नारी बंदी निकेतन एवं हैदराबाद में चेरलापल्ली सेंट्रल जेल, पुणे में येरावड़ा जेल आदि हैं।
उनके द्वारा स्थापित प्रेम रावत फाउन्डेशन विश्व में जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही है। राची में जन भोजन कार्यक्रम एक ऐसा अभियान है जिसके अंतर्गत बच्चों और बीमार लोगों को पौष्टिक आहार दिया जाता है। यह कार्यक्रम वर्तमान में भारत, नेपाल और घाना (पश्चिम अफ्रीका) में चल रहा है। इस फाउन्डेशन द्वारा पीस एजुकेशन प्रोग्राम भी चलाया जाता है, जिसको सुनकर लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।