बच्चों द्वारा सोशल मीडिया हाईकोर्ट ने बच्चों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उम्र सीमा तय करना बहुत जरूरी है

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हाईकोर्ट ने बच्चों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उम्र सीमा तय करना बहुत जरूरी है

नई दिल्ली, 20 सितंबर

कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्त टिप्पणी की है. हाई कोर्ट ने कहा है कि शराब पीने के लिए तय उम्र की तरह ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए भी उम्र सीमा तय की जानी चाहिए. न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति विजय कुमार ए पाटिल की पीठ ने एकल पीठ के 30 जून के आदेश को चुनौती देने वाली ‘एक्स’ (ट्विटर) की अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विभिन्न आदेशों के खिलाफ एक्स की याचिका को एकल पीठ ने खारिज कर दिया था। गौरतलब है कि मंत्रालय ने 1474 अकाउंट, 175 ट्वीट, 256 यूआरएल पर प्रतिबंध लगा दिया है और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का आदेश दिया था। इसके बाद ट्विटर की ओर से इन आदेशों को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. जज जी नरेंद्र ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. यहां तक ​​कि आज स्कूल जाने वाले बच्चे भी इसके आदी हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उत्पाद शुल्क नियमों की तरह इसके लिए भी उम्र सीमा होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि बच्चे 17 या 18 साल के हो सकते हैं, लेकिन क्या उनमें यह तय करने की परिपक्वता है कि देश के हित में क्या अच्छा है?

और क्या बुरा है. सिर्फ सोशल मीडिया पर ही नहीं बल्कि इंटरनेट पर भी ऐसी चीजों को हटाना चाहिए, जो बच्चों को नुकसान पहुंचाती हैं। सरकार को सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए उम्र सीमा तय करने पर भी विचार करना चाहिए क्योंकि यह लत से भी बदतर आदत है।

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