नूंह हिंसा के पीछे ‘गेम प्लान’ ‘पत्थर छतों पर जमा किए गए, पहाड़ियों पर जुटी भीड़ … गृह मंत्री अनिल विज का दावा
चंडीगढ़. हरियाणा के गृह मंत्री (Haryana Home Minister) अनिल विज (Anil Vij) ने दावा किया है कि नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा (Nuh Violence) के पीछे एक ‘बड़ा गेम प्लान’ था. बहरहाल विज ने कहा कि हरियाणा सरकार सोमवार को एक धार्मिक जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच हुई हिंसा की गहन जांच के बिना जल्द किसी नतीजे पर नहीं पहुंचेगी. विज ने कहा कि हालात में सुधार होने पर इंटरनेट सेवाएं (Internet Services) बहाल कर दी जाएंगी. अनिल विज ने मीडिया से कहा कि ‘हिंसा करने वाले लोग मंदिरों के बगल की पहाड़ियों पर चढ़ गए, उनके हाथों में लाठियां थीं और वे अंदर जाने के रास्तों पर इकट्ठा हो गए. यह सब एक साजिश के तहत बनी योजना के बिना संभव नहीं है.’
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने दावा किया कि ‘मौके पर गोलियां चलाईं गईं थीं, किसी ने तो इनका इंतजाम किया होगा. गोलियां चल रही थीं. कहां से आए हथियार…? यह सब एक योजना का हिस्सा है. हमें जानकारी मिल रही है कि गोलीबारी की साजिश रची गई थी… छतों पर पत्थर जमा किए गए थे और लोगों ने पहाड़ियों पर जाकर गोलीबारी की. हम जानकारी जुटा रहे हैं और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.’ जबकि शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में नूंह के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह बिजारनिया ने कहा कि उन्हें अब तक झड़पों के पीछे कोई मास्टरमाइंड होने का कोई संकेत नहीं मिला है.
102 एफआईआर, 200 से ज्यादा गिरफ्तार
बिजारनिया ने कहा कि अब तक की जांच में अलग-अलग तत्वों के शामिल होने का पता चला है. जिनकी पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद के जुलूस पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद मुस्लिम बहुल नूंह में हुई झड़पों में दो होम गार्ड और एक मौलवी सहित छह लोगों की मौत हो गई. अब तक इस मामले में 102 एफआईआर दर्ज की गई है और 200 से ज्यादा गिरफ्तार किए गए हैं.
अनिल विज ने कहा कि ‘जरूरत पड़ने पर हम बुलडोजर चलाएंगे. हम जांच करेंगे कि क्या घटना के बारे में पहले से कोई जानकारी थी… दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. जिसने भी हिंसा की साजिश रची, उसे भी नतीजे भुगतने होंगे. जनता को हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति से की जाएगी.’ विज ने कहा कि पुलिस लोगों के बयान दर्ज कर रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. उन्होंने उन पत्रकारों से भी अपील की, जो सोमवार से झड़पों को कवर करने के लिए नूंह गए हैं. पत्रकारों से अधिकारियों को झड़पों की जांच में मदद करने के लिए वीडियो और फीड देने के लिए कहा गया. उन्होंने उन लोगों से भी यही अनुरोध किया जो उस जुलूस का हिस्सा थे, जहां सबसे पहले हिंसा भड़की थी.